चंडीगढ़ 2 अप्रैल(ब्यूरो).
हरियाणा का 54 साल से कार्य करता रहा हाउसिंग बोर्ड एक अप्रैल को खत्म हो गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. चौधरी बंसीलाल ने इसे 1971 में गठित किया था। हाउसिंग बोर्ड ने 31 मार्च 2025 तक हरियाणा में 1 लाख फ्लैट बेचे थे, लेकिन हैरानी की बात यह रही इसमें 10 हजार से ज्यादा अभी तक खाली पड़े हैं। इसको HSVP में मर्ज कर दिया गया है। कुल 200 करोड़ रुपए मं समझौता हुआ है।_
हाउसिंग बोर्ड के पास अभी करीब 30 जगहों पर 300 एकड़ जमीन पड़ी है, जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। बोर्ड बनाने का मकसद ‘नो प्रोफिट-नो लॉस’ की नीति पर गरीबों को मकान मुहैया कराना था।बोर्ड ने करीब एक लाख फ्लैट बनाकर बेचे हैं, लेकिन धीरे-धीरे बोर्ड की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई और फ्लैट की क्वालिटी पर भी सवाल उठने लगे। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसे समाप्त करने की मंजूरी दी थी। यह बोर्ड अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में शामिल हो गया है।