रेवाड़ी,6 मई(शैलेन्द्र सिंह)।
अखिल भारतीय महिला आयोग द्वारा आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल के समर्थन में दिए गए बयान का हम नागरिक , सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधी और सामाजिक कार्यकर्ता दिल से समर्थन करते है।
कामरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट में बताया कि महिला आयोग ने कहा है कि किसी महिला की वैचारिक अभिव्यक्ति या निजी जीवन को आधार कर अपमान करना उचित नही है।
गौरतलब यह है कि हिमांशी ने अपने पति विनय नरवाल की मौत पर कहा था कि मै किसी के प्रति नफरत नही चाहती , जिन्होंने गलत काम किया है ,उन्हें सजा मिलनी चाहिए। हिमांसी नरवाल का यह ब्यान कट्टरपंथी ताकतों के मुंह पर तमाचा था, जिन्होंने पहलगाम में आतंकी हमले के बाद हिन्दू मुस्लिम एकता को तोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। हिमांशी नरवाल का यह कथन कट्टरपंथी,विघटनकारी , धार्मिक अंधता ,उन्मांद , हिन्दू मुस्लिम के बीच एकता तोड़ने वाली ताकतों को रास नही आया और हिमांशी नरवाल को ट्रोल करने लग गए। उन्हें अपमानित करना शुरू कर दिया, जबकि विनय नरवाल के परिवार के आंसू भी नही सूखे है। अभी चिता भी सुलग रही है। यह कट्टरपंथी ताकते कितनी स्वेदीनहीन है,जो एकता और भाईचारे को तोड़ने पर आमादा है।इन विघटनकारी ,साम्प्रदायिक ताकतों का धर्म एवम धार्मिक वसुलो में भी कोई विश्वास नही है। हम सरकार से मांग करते है कि आतंकियों को सजा दी जाए। जनता से अपील है कि देश हित मे जनता की एकता और भाईचारे को और मजबूत बनाये रखे।