देश और विदेश में लोकनाट्य भगत-सांगीत को पुनः स्थापित करेंगे हाथरस के बच्चे-आचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवंशी

हाथरस, 25मई(ब्यूरो)।
नगर में लोक एवं जनजातिय संस्कृति संस्थान लखनऊ द्वारा पहली बार आयोजित लोकनाट्य भगत-सांगीत के प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन। शहर के लक्ष्मी नगर स्थित सेन्ट आर. एच. कॉन्वेन्ट स्कूल  व आसपास के 42 बच्चों ने सीखे अभिनय, गायन व नृत्य के अभिनव गुण।
हाथरस की जिला पर्यटन अधिकारी बेगम जरीना बानो ने कार्यशाला के प्रतिभागियों की मुक्त कंठ से की सराहना।
देश और विदेश में उत्तर भारत के परम्परागत लोकनाट्य भगत-सांगीत को अब पुनः स्थापित करेंगे हाथरस के बच्चे।यह बात उत्तर प्रदेश लोक एवं0 जनजातिय सँस्कृति संस्थान, सँस्कृति विभाग लखनऊ के  प्रशिक्षक और अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्ति लोकनाट्यविद  आचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवंशी शास्त्री ने शहर के लक्ष्मी नगर स्थित सेन्ट. आर. एच. कॉन्वेन्ट स्कूल में लोकनाट्य भगत-सांगीत से नई पीढ़ी को जोड़ने के उद्देश्य से 10 दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर कहे, जिसकी अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्या प्रमिला गौड़ द्वारा की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जिला पर्यटन अधिकारी बेग़म जरीना बनो तथा अतिविशिष्ट अतिथि प्रमुख समाजसेवी चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य मौज़ूद रहे।
इससे पूर्व सभी ने माँ सरस्वती जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर आयोजन का उद्धाटन किया।स्कूल के निदेशक एडवोकेट अजय किशोर गौड़ ने सभी का स्वागत किया तथा आचार्य डॉ. यदुवंशी शास्त्री ने कार्यशाला के उद्देश्य व बच्चों के लिए इसकी उपादेयता पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का उद्घाटन करती मुख्य अतिथि महोदया

मुख्य अतिथि बेगम जरीना बानो ने डॉ. खेमचन्द यदुवंशी और आशुकवि अनिल बोहरे के प्रयासों और बच्चों के प्रतिभा प्रदर्शन की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कार्यशाला में प्रशिक्षित बच्चों को पर्यटन विभाग से जोड़ने का अस्वासन दिया।
तदोपरांत प्रशिक्षार्थियों ने डॉ. खेमचन्द यदुवंशी द्वारा लिखित भगत-सांगीत :’जल ही जीवन है’ का भव्यता पूर्वक मन्चन किया जिसमें पानी के महत्व को समझाते हुए इसे व्यर्थ में न  बहाने की शिक्षा दी गयी।
मंचन में भाग लेने वाले बाल-कलाकार:
शिवम कुशवाह, पायल गौड़, तुसार वार्ष्णेय, इशिका वार्ष्णेय, पं. दीपक गिरी, कृष्णा माहौर, नंदिनी गौड़, कुँवर प्रद्युम्न यदुवंशी, भूमिका सारस्वत, याशिका शर्मा, कुमारी दिव्यांशी वर्मा, मौहम्मद जॉइब,अयान अली, दमन कुमार, माईशा खान, दिव्यांशी वर्मा, करिश्मा कुशवाह, मानवी शर्मा, अनन्या अग्रवाल, सुहाना सिंह, मान्यता कुमारी,  शिवम कुमार, दमन कुमार,  राधिका गोला, आलिया खान, करिश्मा कुशवाह, सोनम माथुर, प्राची शर्मा, आंशिका गोला, ह्नशिता गुप्ता, महक कश्यप,ऋतुराज यदुवंशी,  प्रिंसी चौधरी, हर्ष वर्धन, नीलेश यादव, अंश ठाकुर, शिवा यादव,  नितिन यादव, हिमांशु शर्मा, गोपाल यादव, ध्रुव चौधरी, आयुष ठाकुर, अंजू यादव, लखन कुमार, मयंक कुमार आदि।
संगत कलाकर:
मास्टर वासुदेव नागर (हार्मोनियम), उस्ताद इब्राहिम खान (नक्कारा), मास्टर अशोक ढोलक वादक-कुमार नागर और दीपक कुमार,  गुड्डन कुमारी, निशा कुरेशी, नीतू सिंह, हर्शी वार्ष्णेय, रेनू सारस्वत, पूजा सिसोदिया, भारती धकरा, रिंकी अग्रवाल, बंटी गोस्वामी का सहयोग सराहनीय रहा।
कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त आशुकवि अनिल बोहरे द्वारा किया तथा विद्यालय के उप प्राचार्य मोहित गौड़ ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
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