महेंद्रगढ़,12 जून (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा तीसरे ’फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम (एफआईपी)’ का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। ऑनलाइन माध्यम से आयोजित यह कार्यक्रम आगामी 10 जुलाई 2025 तक चलेगा। यह एक माह का कार्यक्रम भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में नव-नियुक्त शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप शिक्षण कौशल, शोध क्षमता और व्यावसायिक नैतिकता से अवगत करवाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने प्रतिभागी शिक्षकों के लिए आयोजन को महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, नवाचार और शोध को प्रोत्साहित करना तथा शिक्षकों और विद्यार्थियों के विकास के लिए समावेशी वातावरण प्रदान करना है और नवनियुक्त शिक्षक इस फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम से अवश्य ही लाभांवित होंगे।
कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में हरियाणा खेल विश्वविद्यालय, सोनीपत के कुलपति डॉ. अशोक कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने ‘गेम चेंजर्सः व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक सफलता के लिए खेलों के माध्यम से जीवन कौशल का समावेश‘ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए और बताया कि किस प्रकार खेल शिक्षक समुदाय में नेतृत्व, अनुशासन और टीम भावना का विकास करते हैं। हकेवि में यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार और सह-निदेशक प्रो. तनु गुप्ता ने बताया कि यह फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम एनईपी 2020 और मालवीय मिशन की उस दूरदृष्टि के अनुरूप है, जिसके अंतर्गत 21वीं सदी के लिए सक्षम, प्रभावी और नैतिक शिक्षकों का निर्माण किया जा सके। इस कार्यक्रम में देशभर के 50 से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों से शिक्षक प्रतिभागिता कर रहे हैं और यह एक महीने तक शैक्षणिक संवाद, प्रशिक्षण एवं व्यावसायिक विकास का सशक्त मंच प्रदान करेगा। कार्यक्रम का समन्वय मनोविज्ञान विभाग की प्रो. पायल कंवर चंदेल एवं डॉ. रवि प्रताप पांडे द्वारा किया जा रहा है।
आयोजन के पहले दिन महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने ‘अनुसंधान, व्यावसायिक विकास एवं अकादमिक नेतृत्व‘ विषय पर व्याख्यान दिया और शिक्षकों को ज्ञान निर्माता और विचारशील नेता के रूप में भूमिका निभाने पर बल दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय के भीमराव अंबेडकर कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग से प्रो. नवीन कुमार ने ‘डिजिटल शिक्षणशास्त्रः चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ‘ विषय पर विचार रखते हुए बताया कि तकनीकी बदलावों के दौर में शिक्षण पद्धति कैसे बदल रही है। इसी क्रम में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राजीव कुमार सिंह ने ‘उच्च शिक्षा में अनुसंधान अनुदान एवं बजट प्रबंधन‘ विषय पर अपने व्यावहारिक अनुभव साझा किए और शिक्षकों को अनुदान योजना एवं वित्तीय प्रबंधन की जानकारी दी।
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