नारनौल, 13 जून (परमजीत सिंह/गजेन्द्र यादव)।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग व जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन द्वारा जिला महेन्द्रगढ़ में चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान के तहत शुक्रवार को 4 टीमों ने जिले के कुल 83 पेयजल कनैक्शनों का निरीक्षण किया। इस दौरान 4 अवैध कनैक्शन पाए गए, जो सरेआम पेयजल की बर्बादी कर रहे थे और पेयजल से खेती की सिंचाई कर रहे थे। ये सभी चारों कनैक्शन सिहमा खंड के गांव जाट गुवाना में पाए गए।
यह जानकारी देते हुए जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि जिले में पेयजल की बर्बादी करने वाले कई अवैध कनैक्शन हैं, जो खुलेआम लगातार चालू रहते हैं। इनके विरुद्ध विभाग के साथ-साथ ग्राम पंचायत, सरपंच और ग्राम जल एवं सीवरेज समिति के सदस्यों को भी जागरूक होना आवश्यक है, तभी पेयजल की बर्बादी को रोका जा सकता है। जो लोग पेयजल से खेतों की सिंचाई करते हैं, उनके अवैध कनैक्शन बिना किसी नोटिस के काटना आवश्यक है, ताकि गर्मी के मौसम में प्रत्येक उपभोक्ता को पेयजल उपलब्ध हो सके।
अवैध कनैक्शनों के कारण उपभोक्ताओं को पेयजल प्राप्त करने में भारी कठिनाई हो रही है। इस संबंध में विभाग द्वारा तुरंत संज्ञान लेते हुए जाट गुवाना गांव में जेई एन.पी. रंगा व बीआरसी धर्मेंद्र की अगुवाई में एक टीम गठित की गई। टीम ने गांव के विभिन्न हिस्सों में पेयजल पाइपलाइन का निरीक्षण किया, जिसके दौरान 4 अवैध कनैक्शन काटे गए।
इसके अतिरिक्त, टीमों ने सतनाली, बसई और हसनपुर गांवों में भी घर-घर जाकर पेयजल कनैक्शन जांचे। इस दौरान टीमों ने पेयजल संरक्षण के साथ-साथ नलों पर टोंटी लगाने और पेयजल का दुरुपयोग न करने की नसीहत भी दी। साथ ही जल का पुनः उपयोग और भूजल पुनर्भरण (रिचार्ज) के लिए भी ग्रामीणों को जागरूक किया गया।
इस मौके पर बीआरसी पूजा रानी, बीआरसी अनीता, बीआरसी विक्रम सिंह, बीआरसी धर्मेंद्र सहित विभाग की फिटर टीम उपस्थित रही।
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