हकेवि में ’विमर्श’ व्याख्यानमाला में संवैधानिक नैतिकता पर हुई चर्चा 

महेंद्रगढ़,13 जून (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के विधि विभाग द्वारा आयोजित ‘विमर्श’ व्याख्यानमाला के अंतर्गत विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह श्रृंखला विश्वविद्यालय में विधिक अध्यन और बौद्धिक विमर्श के लिए एक सशक्त मंच के रूप में स्थापित हो चुकी है, जिसका उद्देश्य सैद्धांतिक ज्ञान और समकालीन विधिक चुनौतियों के बीच के अंतर को समाप्त करना है। आयोजन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डॉ. मंजींदर गुल्याणी ने ‘संवैधानिक नैतिकता एवं भारतीय न्यायशास्त्र’ विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उनका संबोधन विद्यार्थियों के बीच सक्रिय संवाद और प्रश्नोत्तर के रूप में परिलक्षित हुआ, जिससे ’विमर्श’ की भावना को सही अर्थों में बल मिला।
सत्र की अध्यक्षता हकेवि में विधि विभाग के विभागाध्यक्ष एवं अधिष्ठाता डॉ. प्रदीप सिंह ने की। उन्होंने कहा कि ‘विमर्श’ श्रृंखला विश्वविद्यालय केे माध्यम से समाजोन्मुखी विधिक पेशेवर तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम ‘विमर्श’ के माध्यम से केवल विधिक प्रावधानों पर ही चर्चा नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपनी सभ्यतागत चेतना का पुनर्पाठ भी कर रहे हैं। डॉ. सिंह ने इसे भारतीय संविधान के 75वें वर्ष में एक उपयुक्त पहल बताया और कहा कि यह हमारे संवैधानिक सफर को समर्पित एक सच्चा सम्मान है।

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