नांगल चौधरी,14जून।
शैलेन्द्र सिंह(एडिटर इन चीफ) की रिपोर्ट
सुनीता गुर्जर ने समाज की बैठक में महिलाओं के हक में बुलंद की आवाज़
नांगल चौधरी क्षेत्र में उस समय एक नई उम्मीद जागी, जब कांग्रेस नेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता गुर्जर ने समाज की एक विशेष बैठक को जिम्मेदारी और जागरूकता से भरा संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने महिलाओं की शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान और सामाजिक भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बेबाक और धारदार तरीके से अपनी बात रखी।
अब चुप रहने का समय नहीं… नेतृत्व करने का वक्त है।
बैठक को संबोधित करते हुए सुनीता गुर्जर ने कहा, हम सदियों से सहते आए हैं, अब वक्त है कि महिलाएं सिर्फ अपने अधिकार ही नहीं मांगे, उन्हें नेतृत्व में बदलें।”
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं से अपील की है कि वे शिक्षा को अपना हथियार बनाएं, पंचायत और राजनीति में भागीदारी बढ़ाएं, और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संगठित होकर आवाज़ उठाएं।
बैठक में मुद्दे जो चर्चा में रहे
▪️ दहेज प्रथा और मृत्यु भोज जैसी बुराइयों को जड़ से मिटाने की बात।
▪️ बाल विवाह के खिलाफ सख्त सामाजिक पहरे की ज़रूरत।
▪️ ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार, योग और तकनीकी शिक्षा से जोड़ने की वकालत।
▪️ लड़कियों की शिक्षा में अंग्रेज़ी, कंप्यूटर और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं अनिवार्य हों।
▪️ गांवों में महिला हेल्पलाइन, सेनेटरी सुविधा और रात्रि सुरक्षा जैसे बुनियादी अधिकारों की माँग।
सुनीता जी ने कहा अब समय आ गया है जब महिलाओं को सिर्फ मंच पर नहीं, नीतियों में हिस्सेदारी चाहिए।
विशेष टिप्पणी:
सुनीता गुर्जर नांगल चौधरी विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं और लगातार गांव-गांव, ढाणी-ढाणी जाकर जनसम्पर्क और जनसंवाद कर रही हैं। कल भी उन्होंने नांगल चौधरी में आयोजित हुई समाज की बैठक को सम्बोधित किया था, उनकी यह पहल न सिर्फ सियासी मंच तैयार कर रही है, बल्कि जमीनी स्तर पर महिला चेतना को भी सशक्त बना रही है।
⭕️ जागरूक लोग यह मानते है कि जब समाज की बेटी खुद आवाज़ उठाती है, तब बदलाव केवल किताबों में नहीं, ज़मीनी हकीकत में लिखा जाता है। इस बैठक में आए समाज के सभी लोगों ने सुनीता गुर्जर की तारीफ की और समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए आवाज उठाने के लिए उनका धन्यवाद किया।
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