Monday, June 16, 2025
Homeकला,साहित्य,संस्कृति व संगीतसौम्य सवेरा (छंद- रूपघनाक्षरी)

सौम्य सवेरा (छंद- रूपघनाक्षरी)

                                 #राजेशपाण्डेयवत्स
बादल कटोरा बंद,मेंढ़क ढिंढोरा बंद,
कृषक है सोचे बैठे,
जन किलकारी बंद!

नदी नाला धार बंद,धरती सिंगार बंद,
बरखा की राह तके,
जिसकी पिटारी बंद!

झिंगुर झंकार बंद,पपीहा पुकार बंद,
बूँद झरहरी बंद,
सब बारी-बारी बंद!

बंद नहीं इन्द्र गान,नहीं होना परेशान,
राम कहे वत्स मेरे,
अब सिसकारी बंद!

-राजेश पाण्डेय वत्स,डभरा,छग!
#newsharyana

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments