ऑपरेशन सिंधु के तहत 110 भारतीय स्टूडेंट्स ईरान से पहुंचे दिल्ली, सरकार को दिया धन्यवाद

नई दिल्ली,19जून(ब्यूरो)।
मध्य पूर्व में चल रहे युद्ध ने क्षेत्र में हालात को बेहद तनावपूर्ण बना दिया है. ईरान और इज़रायल के बीच सात दिनों से जारी सैन्य संघर्ष के बीच भारत सरकार ने त्वरित कदम उठाते हुए अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत की. इस अभियान के तहत भारत ने पहले चरण में 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाया है।

रात 3:43 बजे दिल्ली पहुंची पहली निकासी उड़ान

इन छात्रों को पहले ईरान से आर्मेनिया ले जाया गया और फिर विशेष चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए नई दिल्ली लाया गया. यह उड़ान गुरुवार की रात करीब 3 बजकर 43 मिनट पर दिल्ली में उतरी. इस समूह में 94 छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं, जबकि शेष 16 छात्र अन्य राज्यों से हैं. खास बात यह रही कि निकाले गए छात्रों में 54 छात्राएं भी शामिल हैं. सरकार की ओर से केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने एयरपोर्ट पर छात्रों का स्वागत किया और उनके हालचाल पूछे. ईरान से रेस्क्यू किए गए छात्र यासिर गफ्फार ने कहा, “हमने मिसाइलों को गुजरते देखा और रात में तेज आवाजें सुनीं… मैं भारत पहुंचकर खुश हूं… मैंने अपने सपनों को नहीं खोया है। जब हालात ठीक हो जाएंगे तब हम फिर से ईरान जाएंगे…”वहीं, ईरान से भारत पहुंची छात्रा ग़ज़ल ने बताया, “हमें बहुत खुशी है कि हम वापस आए हैं। भारतीय दूतावास ने हमें बहुत अच्छे से रेस्क्यू किया। हम उनके बहुत आभारी हैं।

तेहरान और कराज पर इज़रायल के हमले

इस बीच ईरान और इज़रायल के बीच जारी संघर्ष में बुधवार को नया मोड़ आया, जब इज़रायल ने तेहरान और उसके आसपास के क्षेत्रों में जबरदस्त हवाई हमले किए. रिपोर्ट्स के अनुसार, 50 से अधिक इज़रायली फाइटर जेट्स ने ईरान की न्यूक्लियर सुविधाओं और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. कराज और तेहरान में मौजूद यूरेनियम संवर्धन संयंत्रों पर हमले की पुष्टि की गई है।

ईरान में भारी जानमाल का नुकसान

अब तक के हमलों में ईरान के करीब 600 नागरिकों की मौत और 1300 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. वहीं, इज़रायल का दावा है कि उसने ईरान के कई सैन्य हेलीकॉप्टर्स और मिसाइल लॉन्च साइट्स को भी नष्ट किया है।

24×7 हेल्पलाइन और सतर्कता अपील

सरकार ने ईरान में रह रहे भारतीयों से अपील की है कि वे भारतीय दूतावास की आपातकालीन हेल्पलाइन और विदेश मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष से लगातार संपर्क में रहें. सभी नागरिकों को संयम बनाए रखने और दूतावास के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई ।

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