नारनौल,26जून (शैलेन्द्र सिंह/गजेन्द्र यादव)।
मनीष वशिष्ठ की मुहिम दिखाने लगी रंग,संस्थाओं के मिले समर्थन पत्र।
कोरियावास गाँव स्थित चिकित्सा महाविद्यालय का नाम महर्षि च्यवन के नाम पर ही रहे, इसलिए के लिए चलाई गई मुहिम अब रंग लाने लगी है। इतिहास एवं संस्कृति संरक्षण संघ द्वारा चलाई गई इस मुहिम को सामाजिक संस्थाओं का सहयोग एवं समर्थन मिलने लगा है। गौरतलब हो की गत 16 जून को इतिहास एवं संस्कृति संरक्षण संघ के अध्यक्ष एवं जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान मनीष वशिष्ठ एडवोकेट ने पत्रकारवार्ता करके कहा था कि जब कोरियावास गाँव स्थित चिकित्सा महाविद्यालय का नाम महर्षि च्यवन के नाम पर अधिसूचित किया जा चुका है, तो उसके नाम परिवर्तन की मांग ना केवल अनुचित है अपितु निरर्थक भी है। उन्होने कहा था की महर्षि च्यवन चिकित्सा से संबंध रखने वाले थे, जिन्होंने विश्व को च्यवनप्राश जैसा रसायन दिया। श्री वशिष्ठ ने कहा कि महर्षि च्यवन के नाम से यह क्षेत्र पूरे विश्व में जाना जाता है। प्रदेश की सरकार ने चिकित्सा महाविद्यालय का नाम महर्षि च्यवन के नाम पर रख कर उनके साथ साथ इस क्षेत्र को भी सम्मान दिया है।
इतिहास एवं संस्कृति संरक्षण संघ के अध्यक्ष मनीष वशिष्ठ ने बताया कि कोरियावास स्थित चिकित्सा महाविद्यालय का नाम महर्षि च्यवन के नाम पर ही रहे, इसके लिए उन्हें व्यापक समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि समर्थन की कड़ी में सैनी समाज की जिले की अग्रणी संस्था ‘‘सैनी सभा (रजि.) नारनौल’’, वैश्य समाज की अखिल भारतीय स्तर की प्रतिष्ठित संस्था ‘‘अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, नई दिल्ली’’ शामिल हैं।

अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग से समर्थन पत्र प्राप्त करते हुए मनीष वशिष्ठ
समर्थन पत्र देने की कड़ी में जिले की वैश्य समाज की अग्रणी संस्था ‘‘श्री अग्रवाल सभा (रजि.) नारनौल’’,ब्राह्मण समाज की जिले की प्राचीन संस्था ‘‘श्री गौड़ ब्राह्मण सभा (रजि.) जिला महेन्द्रगढ़ स्थित नारनौल’’,इस क्षेत्र की बहुत ही प्रतिष्ठित ‘‘श्री सनातन धर्म सभा (रजि.) नारनौल’’ (जिसके तहत श्री सनातन धर्म एजुकेशन बोर्ड़, श्री आदर्श सनातन धर्म ड्रामेटिक क्लब, श्री महावीर सेवा दल एवं श्री सनातन धर्म पुस्तकालय एवं वाचलनाल चलते हैं) व अखिल भारतीय उद्योग व्यापार सुरक्षा मंच नई दिल्ली का समर्थन पत्र प्राप्त हो चुका है।
श्री वशिष्ठ ने बताया कि उक्त संस्थाओं ने कोरियावास स्थित चिकित्सा महाविद्यालय का नाम महर्षि च्यवन के नाम पर रखने के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है तथा इसे किसी भी सूरत में ना बदलने की मांग सरकार से की है। सामाजिक तानेबाने को बनाए रखने के लिए, मनीष वशिष्ठ ने इतिहास एवं संस्कृति संरक्षण मंच की तरफ से सभी संस्थाओं का धन्यवाद किया तथा उन्होंने कहा कि अभी जिले भर से अन्य संस्थाओं के समर्थन के लिए सहयोग की अपील करेंगे। बाद में सभी समर्थन पत्रों को संकलित करके मुख्यमंत्री हरियाणा एवं राज्यपाल को सौंपे जाएंगे।
#newsharyana