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नीरपुर राजपूत : हरियाणा का वो गांव, जहां सपनों ने आकार लिया और सीएम ने सम्मान किया

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अटेली मंडी,29 जून (विष्णु शर्मा)।
आधुनिक 5 लेयर एक्रेलिक रनिंग ट्रैक व जंगल सफारी का काम शुरू

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले का एक छोटा सा गांव, नीरपुर राजपूत, आज पूरे प्रदेश के लिए एक असाधारण प्रेरणा स्रोत बन गया है। हरियाणा सरकार की विकासात्मक सोच तथा सीएसआर के सहयोग से नीरपुर राजपूत ने अपने सुनियोजित विकास से एक नया मापदंड स्थापित कर दिखाया है। इस उल्लेखनीय परिवर्तन की धुरी गांव के सरपंच रतनपाल चौहान हैं जिनकी दूरदृष्टि, अटूट संकल्प और समर्पण ने हरियाणा सरकार के सक्रिय सहयोग से उन योजनाओं को ज़मीन पर उतारा जो कई बार अक्सर कागज़ों तक ही सीमित रह जाती हैं।
मात्र दो वर्षों के भीतर, इस गांव की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। इस बदलाव के पीछे सरपंच रतनपाल चौहान की दूरदर्शिता और नेतृत्व है, जिसने ग्राम पंचायत को एक नई दिशा दी। हरियाणा सरकार के निरंतर समर्थन और पंचायत के अथक प्रयासों ने मिलकर नीरपुर को विकास का एक आदर्श मॉडल बना दिया है। विकास के इसी मॉडल से प्रभावित होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गांव के सरपंच को बेस्ट सरपंच के अवार्ड से भी नवाजा है।
गांव के युवा नशे से दूर रहें तथा खेल से जुड़े रहें, इसके लिए आधुनिक 5 लेयर एक्रेलिक रनिंग ट्रैक बनाया जा रहा है। यह एक ऐसा ट्रैक होता है जिस पर धावक के जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है तथा उसका प्रदर्शन बेहतर होता है। अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भी इसी ट्रैक का उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा गांव में एक हरित क्षेत्र (जंगल सफारी) विकसित की जाएगी। इसमें जिसमें सैकड़ों पेड़-पौधे लगाए जाएंगे, जो पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन दोनों के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए फिलहाल कार्य प्रगति पर है।

डीसी डॉ विवेक भारती बोले, अन्य सरपंच लें प्रेरणा

अटेली नीरपुर राजपूत के विकास के बारे में उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने कहा कि उन्होंने खुद गांव का विकास मौके पर जाकर देखा है। डे-नाइट क्रिकेट स्टेडियम में भी जिला प्रशासन के साथ ग्रामीणों का मैच हुआ था। यह विकास का अच्छा मॉडल है अन्य गांव के सरपंच भी इनसे प्रेरणा ले सकते हैं।

अगले एक दशक को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं योजनाएं : रतनपाल चौहान

अटेली सरपंच रतनपाल चौहान गर्व से कहते हैं कि हमने केवल विकास की योजनाएं नहीं बनाईं, हमने उन्हें जमीन पर उतारा और हर व्यक्ति को उसका भागीदार बनाया। इस कार्य में गांव के प्रत्येक नागरिक की भागीदारी रही है। यहां अगले एक दशक को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जाती हैं।

बदलाव वहीं होता है, जहां लोग मिलकर सपना देखते हैं : डॉ राकेश कुमार*

अटेली। जिला परिषद के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार ने कहा कि नीरपुर राजपूत सिर्फ एक गांव नहीं रहा, यह अब एक मॉडल ग्राम है, जो यह दिखाता है कि अगर सोच स्पष्ट हो और संकल्प मजबूत हो तो ग्रामीण भारत स्वयं अपने भाग्य का निर्माता बन सकता है। बदलाव वहीं होता है, जहां लोग मिलकर सपना देखते हैं और उसे साकार करने में जुट जाते हैं।

2 साल में दर्जनों उपलब्धियां

नीरपुर राजपूत की प्रगति की कहानी दर्जनों उपलब्धियों से भरी है जो यह दर्शाती हैं कि सामूहिक प्रयास और सरकारी सहयोग से क्या कुछ हासिल किया जा सकता है।

गांव का क्रिकेट स्टेडियम

डे-नाईट स्टेडियम की सौगात:


गांव के युवाओं को आधुनिक स्टेडियम मिला है, जहां रात में भी खेलने की सुविधा उपलब्ध है। यह सुविधा केवल नीरपुर के लिए नहीं, बल्कि आस-पास के 50 से अधिक गांवों के खिलाड़ियों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र बन गया है।

स्टेडियम में आधुनिक कैंटीन : खिलाड़ियों के लिए नाश्ते, जूस और शेक जैसी सुविधाओं से युक्त कैंटीन की व्यवस्था की गई है, जो ग्रामीण खेल संस्कृति को नया आयाम दे रही है।

योगा शिक्षक की नियुक्ति : गांव के लोगों की शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए अब नियमित योग प्रशिक्षण उपलब्ध है।

40 फीट गहरा जोहड़: नहर से जुड़ा यह नया जोहड़ न केवल जलस्तर बढ़ा रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण: शिक्षा के प्रति पंचायत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए एक डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण किया जा रहा है, जिससे हर उम्र के विद्यार्थी नई तकनीक से जुड़ सकेंगे।

स्ट्रीट लाइट्स और पौधारोपण: गांव की हर गली अब रोशन और हरी-भरी है, जो बिजली और हरियाली के संगम का बेहतरीन उदाहरण है।

हरियाणा का “नशा मुक्त गांव”: सामूहिक प्रयासों से नशा मुक्त अभियान में मिली सफलता के परिणामस्वरूप, नीरपुर अब हरियाणा का नशा मुक्त गांव बन गया है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए, मुख्यमंत्री ने सरपंच रतनपाल चौहान को पूरे राज्य में ‘बेस्ट सरपंच’ के अवॉर्ड से सम्मानित किया।

बीपीएल परिवारों को गांव में ही राशन: अब जरूरतमंद परिवारों को राशन के लिए दूर नहीं जाना पड़ता, जिससे सुविधा और सम्मान दोनों का ध्यान रखा गया है।

गांव सचिवालय : इस गांव में ग्राम सचिवालय भी बनाया गया है जहां योजनाएं बनती हैं। इसके माध्यम से नागरिकों को सरकार की योजनाओं तथा सेवाओं का लाभ लेने में काफी आसानी हो रही है।

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