नई दिल्ली, 8 (जुलाई ब्यूरो)।
पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने एक देश, एक चुनाव का समर्थन किया, लेकिन ECI की शक्तियों पर चिंता जताई.।उन्होंने विधेयक में ECI को दी गई व्यापक शक्तियों को अत्यधिक करार दिया।चंद्रचूड़ ने अपने नोट में 1973 के केशवानंद भारती मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि संसद संविधान के मूल ढांचे- लोकतंत्र, संघवाद और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव में संशोधन नहीं कर सकती।
देश के पूर्व चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने एक देश, एक चुनाव प्रस्ताव को संवैधानिक रूप से वैध बताते हुए इसका समर्थन किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने प्रस्तावित विधेयक में चुनाव आयोग (ECI) को दी गई व्यापक शक्तियों को अत्यधिक करार देकर चिंता जताई है।
11 जुलाई, 2025 को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के समक्ष अपनी राय पेश करने से पहले चंद्रचूड़ ने एक विस्तृत लिखित नोट सौंपा, जिसमें उन्होंने इस महत्वाकांक्षी सुधार के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। बीजेपी सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली ये समिति एक देश, एक चुनाव विधेयक की समीक्षा कर रही है और इसमें पूर्व सीजेआई यूयू ललित और रंजन गोगोई की राय भी शामिल की गई है।
उनकी मुख्य चिंता विधेयक के अनुच्छेद 82A(3) से जुड़ी है, जो ECI को एक साथ चुनाव कराने के साथ-साथ संविधान के भाग XV में संशोधन करने की व्यापक शक्तियां देता है।चंद्रचूड़ ने इसे अत्यधिक बताते हुए चेतावनी दी कि यह प्रावधान ECI को राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल पांच साल से अधिक या कम करने की अनुमति दे सकता है।उन्होंने कहा कि यदि वह लोकसभा के साथ एक साथ चुनाव को अव्यवहारिक मानता है तो ऐसा कर सकता है।उन्होंने सुझाव दिया कि विधेयक में स्पष्ट प्रक्रियात्मक दिशानिर्देश होने चाहिए और ECI को केवल सीमित, आवश्यक शक्तियां दी जानी चाहिए।
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