महेंद्रगढ़, 8 जुलाई (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
जम्मू-कश्मीर स्थित बाबा अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से प्रारंभ हो चुकी है जो आगामी 9 अगस्त तक चलेगी। इस पवित्र यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल प्रमाण पत्र अनिवार्य है, जिसे बनवाने के लिए महेंद्रगढ़ जिले के सामान्य नागरिक अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) द्वारा एक विशेष मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था।
हालांकि, बीते 15 दिनों से अमरनाथ यात्रा के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने पहुंचे यात्रियों को बार-बार अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, क्योंकि बोर्ड में नियुक्त सभी डॉक्टर या तो छुट्टी पर हैं या उनकी ड्यूटी अन्यत्र लगा दी गई है। बोर्ड में शामिल एसएमओ डॉ. जयप्रकाश और डॉ. पूनम लंबे समय से छुट्टी पर चल रहे हैं, जबकि डॉ. अमित (हड्डी रोग विशेषज्ञ) और डॉ. अनिल की ड्यूटी मेडिकल कॉलेज कोरियावास में लगा दी गई है।
श्रद्धालुओं में भाजपा जिला महामंत्री अमित मिश्रा व उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं, जो कई बार अस्पताल के चक्कर काट चुके हैं। अमित मिश्रा ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में CMO डॉ. अशोक से बात की, जिनके कहने पर वे एसएमओ डॉ. जयप्रकाश और डॉ. बाबूलाल से मिलने पहुंचे। डॉ. जयप्रकाश छुट्टी पर थे और डॉ. बाबूलाल ने उन्हें डॉ. वंदना से संपर्क करने को कहा।

डॉ. वंदना से मिलने पर उन्हें बेहद अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा। आरोप है कि डॉ. वंदना ने न केवल कागज फेंके, बल्कि भाजपा नेता को “एजेंट” कहकर अपमानित किया और यह कहते हुए गाड़ी में बैठकर चली गईं कि “सीएमओ से ही बनवा लो, मैं नहीं करूँगी।”
इस पूरे घटनाक्रम से आहत भाजपा नेता व अन्य श्रद्धालु बेहद नाराज़ हैं और स्वास्थ्य विभाग से जवाबदारी तय करने की मांग कर रहे हैं। यात्रियों ने सवाल उठाया है कि जब यात्रा प्रारंभ हो चुकी है, तो अब तक मेडिकल बोर्ड की व्यवस्था सही क्यों नहीं की गई?
श्रद्धालुओं का कहना है कि इस तरह की लापरवाही न केवल प्रशासनिक असफलता है, बल्कि धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ भी है।
अंतिम मांग – यात्रियों ने CMO व जिला प्रशासन से मांग की है कि मेडिकल बोर्ड में सक्रिय व जिम्मेदार डॉक्टरों की नियुक्ति तुरंत की जाए ताकि यात्रियों को अनावश्यक परेशानी से राहत मिल सके और उनका समय पर स्वास्थ्य परीक्षण हो सके,वे तीर्थ यात्रा पर जा सके।
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