महेंद्रगढ़, 12 जुलाई (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत हरियाणा सरकार के निर्देशानुसार उपमंडल के ग्राम भांडोर नीची में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक दिवसीय निक्षय शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य ग्रामीणों को टीबी के प्रति जागरूक करना एवं संभावित मरीजों की शीघ्र पहचान कर उन्हें उपचार सुविधा उपलब्ध कराना रहा।
शिविर में सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर सुरजीत सिवाच, चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंद्रपाल, स्वास्थ्य कर्मी अनूप रिवासा एवं जयप्रकाश द्वारा मरीजों की जांच की गई। आशा वर्कर ललिता शर्मा और राजरानी, तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शोभा देवी ने घर-घर जाकर ग्रामीणों को शिविर में लाने का सराहनीय कार्य किया।
नारनौल से आई राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम की मोबाइल एंबुलेंस टीम द्वारा संभावित मरीजों को दवाई वितरित की गई। शिविर में सोलह टीबी संभावित मरीजों के बलगम के नमूने लेकर उन्हें निक्षय पोर्टल पर अपलोड किया गया।
शिविर में लगभग 200 ग्रामीणों की स्क्रीनिंग की गई तथा उन्हें विभिन्न रोगों की निःशुल्क दवाइयाँ दी गईं। विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों, टीबी मरीजों के संपर्क में आए व्यक्तियों, मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप के मरीजों की जांच कर मौके पर ही उपचार उपलब्ध करवाया गया।
ग्रामीणों को संबोधित करते हुए सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर सुरजीत सिवाच, डॉ. चंद्रपाल एवं स्वास्थ्य कर्मी अनूप रिवासा ने बताया कि टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए घर-घर जाकर आशा व स्वास्थ्य कार्यकर्ता टीबी मरीजों की पहचान कर रहे हैं। निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को ₹6000 की सहायता राशि दी जाती है, जिसमें दवाई शुरू होते ही पहली किश्त के रूप में ₹3000 प्रदान किए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी, वजन में गिरावट, लगातार बुखार, शरीर पर गांठ आदि लक्षण टीबी के संकेत हो सकते हैं। समय रहते जांच व इलाज से टीबी को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। छह महीने का नियमित दवा कोर्स पूरा करने पर रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो सकता है।
इस अवसर पर डॉ. चंद्रपाल, आशा वर्कर ललिता देवी व राजरानी, जयप्रकाश, पूर्व सरपंच धनपत शर्मा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शोभा देवी व रेखा, बाबू पहल सिंह, प्रहलाद शर्मा सहित अनेक गणमान्य ग्रामीण उपस्थित रहे।
#newsharyana