नांगल चौधरी, 13जुलाई (परमजीत सिंह)।
नांगल चौधरी हलके के दो दर्जन से अधिक गांवों में पानी से लबालब भरे जाने वाले चार एकड़ के क्षेत्र में बने पन्द्रह फ़ीट से ज़्यादा गहरे जल भंडारों को देखकर प्रफुल्लित पूर्व सिंचाई मंत्री डॉक्टर अभय सिंह यादव ने इनके निर्माण की पृष्ठभूमि को याद करते हुए कहा कि कई बार आपके मन में आया एक सकारात्मक विचार विस्मयकारी परिणाम देता है। उन्होंने उस विशेष वृत्तान्त का जिक्र करते हुए कहा कहा कि रबी की फ़सल के दौरान एक बार महेंद्रगढ़ ज़िले में नहरी पानी की सप्लाई की उस समय कमी आ गई जब सरसों की फ़सल सूख रही थी और एक तरह से पानी की उपलब्धता उस फ़सल के लिए जीवन मरण का प्रश्न था। बड़ी मेहनत और मिन्नतों के बाद एक सप्ताह सप्लाई बढ़ायी गई। परंतु चिंता इस बात की थी कि क्या इसका कोई स्थायी समाधान नहीं हो सकता था , क्योंकि सर्दी में नहरी पानी की कमी को पूरा करने के लिए हमेशा ही मशक़्क़त करनी पड़ती रही है। उसी दौरान उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल जी से अपनी एक मुलाक़ात का ज़िक्र करते हुए कहा कि पानी की समस्या की बात करते करते अनायास ही उनके दिमाग़ में एक विचार आया कि बरसात के समय उपलब्ध पर्याप्त पानी का यदि भंडारण कर लिया जाए तो सरसों की फ़सल में प्रयोग किया जा सकता है। मुख्यमंत्री जी को सुझाव दिया कि यमुना नदी के ऊपरी क्षेत्र में कोई बाँध न होने की वजह से वर्षा ऋतु में तो पर्याप्त पानी मिलता है परंतु सर्दियों में कमी आती है, तो क्यों न हम यदि ऊपर भंडारण नहीं है तो नीचे भंडारण कर लें । जहाँ जहाँ पंचायतों की ज़मीन उपलब्ध है उस पर चार या पाँच एकड़ क्षेत्र में ऐसे जल भंडार बनाए जा सकते हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी परियोजना की सफलता एवं उसकी उपयोगिता के बारे में आश्वस्त करने के बाद वह कभी किंतु परंतु नहीं करते थे, और तुरंत हाँ भरते थे। मनोहर लाल जी तुरंत उनकी बात से सहमत हो गए और अपनी हरी झंडी दे दी ।
उसका परिणाम यह है कि आज नांगल चौधरी के 25 से अधिक गांवों में यह जल भंडार बनकर लगभग तैयार हो गए हैं। ऐसा ही एक जल भंडार महेंद्रगढ़ हलके के गांव दुलोठ अहीर में भी बना है। यह अधिकांश जल भंडार उन गांवों में बने हैं जहाँ नहर नही है या नहरी पानी उपलब्ध नहीं हैं ।नीले पानी से भरे यह जल भंडार प्रत्येक व्यक्ति को आकर्षित करते हुए क्षेत्र की ख़ुशहाली का संदेश दे रहे हैं। इन सभी जल भंडारों पर सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा प्रदान करने के लिए खेत खेत में सरकार द्वारा पाइपलाइन बिछाई गई है और प्रत्येक 4 एकड़ पर किसानों को पानी लेने के लिए आउटलेट दिया गया है। एक बार भरने से एक जल भंडार तीन सौ एकड़ से अधिक भूमि को सिंचित करेगा। जब यहाँ का किसान एक बार सूक्ष्म सिंचाई से लाभान्वित हो गया तो क्षेत्र की कृषि स्वतः ही आधुनिक कृषि की राह पर चल पड़ेगी। डॉक्टर अभय सिंह यादव ने कहा कि आपका एक सकारात्मक विचार जब आमजन के लिए कल्याणकारी साबित होता है तो आप सदा उसके परिणाम को देखकर आनंदित होते रहते हैं । उन्होंने कहा कि यदि आप किसी भी समस्या को दिल से महसूस करते हैं तो आपका दिमाग़ उसका समाधान ढूंढने में सक्षम होता है । उन्होने क्षेत्र के युवाओं को आह्वान करते हुए कहा कि क्षेत्र की समस्याओं को दिल से महसूस करना प्रारंभ करें। यहाँ का हर नागरिक और हर युवा अपनी वैचारिक क्रांति से पूरे क्षेत्र की तक़दीर बदलने में सक्षम है।
#newsharyana