श्रावण का पहला सोमवार  व्रत आज,पूजा विधि

                         प्रस्तुति: #शैलेन्द्रसिंहशैली
हिंदू धर्म में भगवान शिव को सृष्टि के संहारक और कल्याणकारी देव के रूप में पूजा जाता है। शिवभक्तों के लिए श्रावण मास अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। यह महीना पूरी तरह भगवान शिव को समर्पित होता है और माना जाता है कि इस दौरान शिवजी पृथ्वी पर निवास करते हैं। ऐसे में भक्तों की प्रार्थनाओं का प्रभाव भी शीघ्र दिखाई देता है। सोमवार भगवान शिव का वार है और सावन शिव का महीना, इसलिए इस महीने के सोमवार विशेष रूप से पूजनीय माने जाते हैं। इन सोमवारों को सावन सोमवारी कहा जाता है। इस दिन श्रद्धालु शिवजी का व्रत रखते हैं, उपवास करते हैं, शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करते हैं और शिव चालीसा, रुद्राष्टक या महामृत्युंजय जाप का पाठ करते हैं।

2025 में कब से कब तक रहेगा सावन?

इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस दौरान कुल चार सोमवार आएंगे। सावन का समापन रक्षाबंधन पर्व के साथ होगा, जो भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, जो इस बार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। वही श्रावण का पहला सोमवार का व्रत 14 जुलाई को रखा जायेगा।

सावन सोमवार की तिथियां

पहला सोमवार- 14 जुलाई 2025
दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025
तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025
चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025

पहले सावन सोमवार पर शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:16 से 5:04 बजे तक
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 11:59 बजे से 12:55 बजे तक
अमृत काल- रात 11:21 बजे से 12:55 बजे तक, जुलाई 15
पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय- दोपहर 11:38 बजे से 12:32 बजे तक

ऐसी मान्यता है कि जो भक्त पूरे सावन मास के सभी सोमवारों का व्रत नहीं कर सकते, वे कम से कम पहले और अंतिम सोमवार का व्रत अवश्य करें। यह भी उतना ही पुण्यदायी होता है और शिव कृपा प्राप्त होती है।

सावन पहला सोमवार पूजा विधि

इस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर निमित्त क्रिया के बाद स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
अब आप पूजा स्थान को गंगाजल छिड़कर पवित्र कर लीजिए। इसके बाद ईशान कोण में एक वेदी बनाएं।
फिर उसमें भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग विराजमान करें। अब आप  गंगा जल और पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करिए।
अब आप शिवलिंग को बेलपत्र, फूल और सफेद चंदन के लेप से सजाएं। फिर आर ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार भी जाप कर सकते हैं।
वहीं, जो लोग व्रत हैं, वो सोमवार व्रत कथा भी पढ़ सकते हैं। अंत में आप भगवान से पूजा में हुई गलती के लिए क्षमायाचना करिए।
सावन सोमवार का आप व्रत हों या न सात्विक भोजन ही करें। तामसिक भोजन न करें. साथ ही आप किसी के साथ गलत व्यवहार न करें।
— शैलेन्द्र सिंह शैली, महेंद्रगढ़।
#newsharyana
#shailendrasinghshaili

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top