नारनौल, 15 जुलाई (परमजीत सिंह/गजेन्द्र यादव)।
-श्री कृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी की परीक्षा में दीपिका यूनिवर्सिटी टॉपर तथा सलोनी दूसरे नंबर पर रही
-टॉप 10 में पांच विद्यार्थी बाबा खेतानाथ आयुर्वैदिक कॉलेज से
बाबा खेतानाथ राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय पटीकरा के छात्रों ने श्री कृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र की प्रथम वार्षिक परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। टॉप 10 में यहां के 5 विद्यार्थियों ने स्थान पाया है। वहीं यहां की छात्रा दीपिका यूनिवर्सिटी टॉपर तथा सलोनी दूसरे नंबर पर रही है।
निदेशक डॉ. संगीता ने बताया कि यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि यह कॉलेज मात्र तीन वर्ष पुराना है और इसने 20 वर्ष से अधिक अनुभव वाले अन्य सरकारी और निजी कॉलेजों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने प्राचार्य श्रीनिवास गुज्जरवार, उपचिकित्सा अधीक्षक डॉ. पंकज कौशिक, परीक्षा समिति डॉ अनिल, डॉ ऋतु, डॉ महेश और अकादमिक परिषद के शिक्षकगण डॉ ऋतु, डॉ जितेंद्र , डॉ कुमार आनन्द व वरिष्ठ शिक्षक डॉ अशोक, डॉ सतीश, डॉ रितेश, डॉ मुनेश के साथ मिलकर एक मजबूत टीम बनाई। इस टीम ने छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने और शिक्षण शैली में सुधार के लिए कई प्रभावी कदम उठाए।
कॉलेज में शिक्षण को आधुनिक और रोचक बनाने के लिए डिजिटल, नोटस मेकिंग और श्लोक उच्चारण विधि का उपयोग शुरू किया। कैंपस में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाकर अनुशासन को मजबूत किया। इसके साथ ही, छात्रों में एकाग्रता और नैतिकता बढ़ाने के लिए प्रतिदिन प्रार्थना के साथ सिलेबस के श्लोक सीखने की प्रथा शुरू की। मध्य सत्र में 20 मिनट के ध्यान सत्र ने छात्रों को मानसिक शांति और फोकस प्रदान किया। शिक्षकों की कड़ी मेहनत ने इन सभी प्रयासों को सफल बनाया।
इस बीच, माननीय स्वास्थ्य मंत्री और आयुष के महानिदेशक ने कॉलेज को और मजबूती दी। उन्होंने अधिक शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा, जिससे शिक्षण व्यवस्था और बेहतर हुई। कॉलेज को इस वर्ष भी अच्छे परिणाम और सीटों की उम्मीद है।
बाबा खेतानाथ आयुर्वेदिक कॉलेज की यह उपलब्धि साबित करती है कि सही नेतृत्व, टीम वर्क और मेहनत से कम समय में भी बडे़ लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। यह कॉलेज अब आयुर्वेद शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल बन गया है और आने वाले समय में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीद रखता है।
संस्थान में अध्यनरत बीएएमएस विद्याार्थियों के लिए विच्छेदन क्रिया भी की जाती है, जिससे की विद्यार्थियों में रोगों की समझ और निदान की बुनियादी समझ विकसीत हो सके।
प्राचार्य श्रीनिवास गुज्जरवार ने बताया कि संस्थान में स्थापित हर्बल गार्डन में विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे लगाए गए है, जिनके औषधीय गुण व इनके दैनिक जीवन में उपयोग के बारे में रोगियों को अवगत कराया जाता है व विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थीयों द्वारा इस गार्डन का भ्रमण भी किया जाता है।
बाबा खेतानाथ राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय पटीकरा के छात्रों ने श्री कृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र की प्रथम वार्षिक परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। टॉप 10 में यहां के 5 विद्यार्थियों ने स्थान पाया है। वहीं यहां की छात्रा दीपिका यूनिवर्सिटी टॉपर तथा सलोनी दूसरे नंबर पर रही है।
निदेशक डॉ. संगीता ने बताया कि यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि यह कॉलेज मात्र तीन वर्ष पुराना है और इसने 20 वर्ष से अधिक अनुभव वाले अन्य सरकारी और निजी कॉलेजों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने प्राचार्य श्रीनिवास गुज्जरवार, उपचिकित्सा अधीक्षक डॉ. पंकज कौशिक, परीक्षा समिति डॉ अनिल, डॉ ऋतु, डॉ महेश और अकादमिक परिषद के शिक्षकगण डॉ ऋतु, डॉ जितेंद्र , डॉ कुमार आनन्द व वरिष्ठ शिक्षक डॉ अशोक, डॉ सतीश, डॉ रितेश, डॉ मुनेश के साथ मिलकर एक मजबूत टीम बनाई। इस टीम ने छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने और शिक्षण शैली में सुधार के लिए कई प्रभावी कदम उठाए।
कॉलेज में शिक्षण को आधुनिक और रोचक बनाने के लिए डिजिटल, नोटस मेकिंग और श्लोक उच्चारण विधि का उपयोग शुरू किया। कैंपस में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाकर अनुशासन को मजबूत किया। इसके साथ ही, छात्रों में एकाग्रता और नैतिकता बढ़ाने के लिए प्रतिदिन प्रार्थना के साथ सिलेबस के श्लोक सीखने की प्रथा शुरू की। मध्य सत्र में 20 मिनट के ध्यान सत्र ने छात्रों को मानसिक शांति और फोकस प्रदान किया। शिक्षकों की कड़ी मेहनत ने इन सभी प्रयासों को सफल बनाया।
इस बीच, माननीय स्वास्थ्य मंत्री और आयुष के महानिदेशक ने कॉलेज को और मजबूती दी। उन्होंने अधिक शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा, जिससे शिक्षण व्यवस्था और बेहतर हुई। कॉलेज को इस वर्ष भी अच्छे परिणाम और सीटों की उम्मीद है।
बाबा खेतानाथ आयुर्वेदिक कॉलेज की यह उपलब्धि साबित करती है कि सही नेतृत्व, टीम वर्क और मेहनत से कम समय में भी बडे़ लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। यह कॉलेज अब आयुर्वेद शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल बन गया है और आने वाले समय में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीद रखता है।
संस्थान में अध्यनरत बीएएमएस विद्याार्थियों के लिए विच्छेदन क्रिया भी की जाती है, जिससे की विद्यार्थियों में रोगों की समझ और निदान की बुनियादी समझ विकसीत हो सके।
प्राचार्य श्रीनिवास गुज्जरवार ने बताया कि संस्थान में स्थापित हर्बल गार्डन में विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे लगाए गए है, जिनके औषधीय गुण व इनके दैनिक जीवन में उपयोग के बारे में रोगियों को अवगत कराया जाता है व विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थीयों द्वारा इस गार्डन का भ्रमण भी किया जाता है।
अस्पताल में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा मरीजों का निशुल्क ईलाज किया जाता
डॉ पंकज कौशिक, उपचिकित्सा अधीक्षक ने बताया इस अस्पताल में सभी चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा जिला महेन्द्रगढ क्षेत्र के मरीजों का ईलाज किया जाता है। जिसका लाभ अस्पताल में प्रतिदिन आने वाले 280 से 350 मरीज उठा रहें हैं, जिसमें उन्हें पंचकर्मा, क्षारसूत्र, अग्निकर्म चिकित्सा व मर्म चिकित्सा प्रदान की जाती है। इस समय अस्पताल में जोडों के रोग, गठिया, पैरालिसीस, सियाटिका, स्पॉण्डिलायटीस, बवासीर, भगंदर, कब्ज, गुर्दे की पथरी, चर्मरोग, शुगर, एसिडीटी, ब्लड प्रेशर, पेट के रोग, स्त्री रोग, बालरोग, माइग्रेन के अलावा अन्य पुरानी बिमारीयों का ईलाज निःशुल्क आयुर्वेदिक औषधियां द्वारा किया जाता है। हरियाणा सरकार द्वारा यहां उपचार के लिए भर्ती होकर ईलाज कराने वाले मरीजों को निःशुल्क भोजन भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
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