हिसार, 18जुलाई (ब्यूरो)।
10 से ज्यादा लोगों द्वारा पुलिस टीम पर बरछे, गंडासों से हमला किया गया। इन लोगों के खिलाफ 30 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। जिस गणेश की मृत्यु हुई है वह भी नाजायज हथियार रखने के लिए 3 महीने जेल में रह चुका था। पुलिस पर हमले में वह शामिल था।पुलिस पर हमला करके वह घर की छत के ऊपर से नीचे कूदा था,जिसके कारण उसकी मृत्यु हुई है। पूरी घटना की ऑडियो-वीडियो मौजूद है।
आजतक किसी भी ग्रामीण,संगठन और नेता ने इन 10 से ज्यादा आपराधिक लोगों को गिरफ्तार करवाने में पुलिस की मदद नहीं की है। ऐसे अपराधियों की मदद करके क्या इनको बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है।यह बात हिसार रेंज के एडीजीपी के.के. राव ने कही।
उन्होंने कहा कि पुलिस वहां लोगों की मदद करने गई थी और उन्हीं के ऊपर शरारती तत्वों व अपराधियों द्वारा हमला कर दिया गया पुलिस ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई। क्या मेरे लोग मरने के लिए हैं।।ऐसे अपराधियों की मदद करने वाले लोग/संगठन कैसा समाज बनाना चाहते हैं – एडीजीपी के के राव हिसार रेंज।
आपको बता दे पुलिस हर नागरिक की सुरक्षा के लिए है। 30 आपराधिक मामलों में शामिल लोग पुलिस टीम पर गंडासे, बरछे से हमला कर सकते हैं वो आम लोगों से कैसा व्यवहार करते होंगे यह आप सोच सकते हैं।
जिन पुलिसकर्मियों ने कानून की पालना के लिए गंडासे, बरछी, भालों का सामना किया, उनको सम्मानित करने की बजाय सरकार दबाव में उनके खिलाफ केस दर्ज करना चाहती है।
क्या 30 अपराधों में शामिल “क्रिमिनल” को नौकरी और आर्थिक मदद का सम्मान दिया जा सकता है ?
पुलिसकर्मी की ये बदमाश गंडासे से हत्या कर देते तो सिर्फ “मुलजिम” होते और हत्या का प्रयास करते हुए खुद कूद कर मारे गए तो गरीब और दलित हो गए। पूछता है न्यूज़ हरियाणा कैसा इंसाफ है यह?
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