सना(यमन),22जुलाई (एजेंसी)।
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जो यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी, की मौत की सजा रद्द कर दी गई है. यह जानकारी ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और ईसाई प्रचारक डॉ. केए पॉल ने मंगलवार रात यमन की राजधानी सना से एक वीडियो संदेश में दी. डॉ. पॉल ने बताया कि भारतीय और यमनी नेताओं ने लगातार दस दिनों से दिन-रात प्रयास कर इस बड़ी सफलता को हासिल किया है. उन्होंने यमनी नेताओं की “शक्तिशाली और प्रार्थनापूर्ण कोशिशों” के लिए आभार जताया.
साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने कूटनीतिक स्तर पर निमिषा की सुरक्षित रिहाई के लिए तुरंत कार्रवाई की. डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि निमिषा को यमन की जेल से निकालकर सुरक्षित तरीके से भारत भेजने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षित वापसी के लिए ओमान, जेद्दा, मिस्र, ईरान या तुर्की में लॉजिस्टिक्स की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है.
भारत सरकार की सक्रिय भूमिका
विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी निमिषा प्रिया के मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है। पिछले सप्ताह विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि मंत्रालय ने यमन की जटिल कानूनी प्रक्रिया में परिवार की मदद के लिए वकील नियुक्त किया है। इस मामले में शरिया कानून के तहत माफी या क्षमादान (दीया) के विकल्पों को खोजा जा रहा है।
जायसवाल ने कहा, “यह मामला बहुत संवेदनशील है। भारत सरकार हर संभव सहायता दे रही है। हमने नियमित कांसुलर यात्राओं का इंतजाम किया है, ताकि निमिषा की भलाई बनी रहे और उनके परिवार से संवाद जारी रहे.” उन्होंने बताया कि यमन की स्थानीय अधिकारियों ने 16 जुलाई को होने वाली फांसी की तामील को स्थगित कर दिया है, जिससे मामले को सुलझाने के लिए बातचीत का मौका मिल गया है।
धार्मिक हस्तक्षेप और मानवीय अपील
यमन के ग्रैंड मुफ्ती, शेख अबू बक्र अहमद कंथपुरम ने भी मामले में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने यमन के विद्वानों से बात करके निमिषा की रिहाई की अपील की। मुफ्ती ने बताया कि इस्लाम में हत्या की जगह ‘दीया’ (मुआवजा) का प्रावधान भी है, और उन्होंने यह सुझाव दिया कि दोषियों से दीया लिया जाए। मुफ्ती ने कहा कि वे निमिषा के धर्म को नहीं, बल्कि उसकी मानवता को ध्यान में रखते हुए यह अपील कर रहे हैं। उनकी इस अपील के बाद यमन में फांसी की तारीख स्थगित कर दी गई। यह धार्मिक संवाद और कूटनीतिक प्रयास दोनों की सफलता मानी जा रही है।
निमिषा प्रिया का मामला
37 वर्षीय केरल की नर्स निमिषा प्रिया पर यमन की एक ट्रायल कोर्ट ने हत्या का आरोप लगाया था।नवंबर 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने यह फैसला बरकरार रखा था। इसके बाद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी, जो 16 जुलाई को लागू की जानी थी. यह मामला भारतीय समाज और सरकार के लिए बहुत संवेदनशील बना हुआ था। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी निमिषा की फांसी की स्थगित होने पर राहत जताई थी और कहा था कि वह लगातार इस मामले पर नजर रखे हुए हैं।
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