आगामी 1, अगस्त को यूपीएस के विरोध में ब्लैक डे, जिला मुख्यालयों पर निकालेंगे रोष मार्च
महेंद्रगढ़, 30 जुलाई (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
हरियाणा में यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने पर प्रदेश के कर्मचारियों / अधिकारियों में भारी नाराजगी है। कर्मचारियों का कहना है कि एनपीएस और यूपीएस कभी उनकी मांग नहीं रही, पहले एनपीएस और अब यूपीएस को जबरदस्ती थोपा जा रहा है।
एनपीएस/ यूपीएस का मकसद कर्मचारियों की बचत पर कब्जा कर शेयर बाजार में निवेश बढ़ाना
धारीवाल ने कहा कि यूपीएस की घोषणा से यह भी स्पष्ट हो गया है कि सरकार स्वयं मान चुकी है कि एनपीएस कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को पूरा नहीं करती है जिसका प्रदेश का हर कर्मचारी पिछले कई सालों से विरोध करता आ रहा है और पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहा है। अब यूपीएस के नाम पर कर्मचारियों को गुमराह करने का प्रयास मात्र है। लेकिन प्रदेश का हर कर्मचारी एनपीएस और यूपीएस को समझता है। यूपीएस कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए नहीं बल्कि उनकी जीवनभर की बचत को छीनकर नाममात्र पे – आऊट देने की स्कीम मात्र है। यह स्कीम कर्मचारियों के भले के लिए नहीं बल्कि एनपीएस के माध्यम से शेयर बाजार में निवेशित राशि रिटायरमेंट पर न निकले और यूपीएस के माध्यम से सरकार का अंशदान 14% प्रतिशत से बढाकर 18.5% करके शेयर बाजार में और अधिक राशि निवेशित करने की मंशा मात्र है। कर्मचारियों से बिना आपत्ति लिए यूपीएस नोटिफिकेशन जारी करने पर भारी नाराजगी जताई है।
यूपीएस के विरोध में ब्लैक डे, जिला मुख्यालयों पर निकालेंगे रोष मार्च
राज्य कार्यकारिणी सदस्य हंसराज ने कहा कि इसको लेकर आगामी 1, अगस्त को ब्लैक डे के तौर पर मनाया जाएगा। सभी विभागों के कर्मचारी आने वाली 1, अगस्त को अपने कार्यस्थल पर काले कपड़े और काली पट्टी बांध अपना विरोध दर्ज करवाएंगे और सभी जिला मुख्यालयों पर यूपीएस के विरोध में रोष मार्च निकाल उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।
जिला प्रधान सुरेन्द्र यादव ने बताया कि जिला मुख्यालय में सभी विभागों के कर्मचारी 1, अगस्त को दोपहर बाद 3:30 बजे पंचायत भवन में एकत्रित होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए जिला उपायुक्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
जिला महासचिव अशोक यादव ने अधिक से अधिक संख्या में कर्मचारियों को पहुंचने की अपील की।

संघर्ष समिति को सभी कर्मचारी संगठनों का समर्थन
ओपीएस आंदोलन में प्रदेश के सभी कर्मचारी संगठनों सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा कर्मचारी महासंघ, हजरस, आर पी.एस.एस, हसला, सलाह, मास्टर वर्ग एसोसिएशन, क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी, शारीरिक शिक्षक संघ, नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन, डेमोक्रेटिक स्कूल टीचर एसोसिएशन, एच. एस. ई. बी, पब्लिक हेल्थ क्लेरिकल एसोसिएशन, डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन, हरियाणा गवर्मेंट कॉलेज टीचर एसोसिएशन, यूनिवर्सिटी फेडरेशन, ऑफिसर्स एसोसिएशन आदि सभी विभागीय संगठनों द्वारा पेंशन बहाली संघर्ष समिति को समर्थन दिया गया है।
यूपीएस को नहीं अपना रहे केंद्रीय कर्मचारी
1 अप्रैल 2025 से केन्द्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों पर यूपीएस लागू कर दी गई और 30 जून तक कर्मचारियों को यूपीएस चुनने का विकल्प दिया गया लेकिन अभी तक 30 लाख केंद्रीय कर्मचारियों में से केवल 31555 कर्मचारियों ने ही यूपीएस को अपनाया है जिसकी जानकारी खुद केंद्रीय राज्यमंत्री पंकज चौधरी द्वारा लोकसभा में दी गई है। विजेन्द्र धारीवाल ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि एनपीएस और यूपीएस कर्मचारियों की कभी मांग नही रही, एनपीएस औए यूपीएस को जबरदस्ती कर्मचारियों पर थोपा जा रहा है। जिस कारण देश और प्रदेश के कर्मचारियों में एनपीएस और यूपीएस को लेकर भारी नाराजगी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हमारी मांग है कि अगर आप कर्मचारी हित्त चाहते है तो पूर्व में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी संघर्ष समिति से वार्ता का दौर शुरू कर कर्मचारियों के सुझाव लेकर ओपीएस बहाल करें।
ओपीएस बहाल ना करने पर होगा बड़ा आंदोलन : धारीवाल
संघर्ष समिति प्रदेश अध्यक्ष विजेन्द्र धारीवाल ने कहा कि यूपीएस के विरोध में 1, अगस्त को प्रदेश का प्रत्येक कर्मचारी ब्लैक डे के रूप में मनाएगा और जिला स्तर पर रोष प्रदर्शन करेगा। हमारी मुख्यमंत्री जी और हरियाणा सरकार से मांग है कि पूर्व में गठित कमेटी के साथ वार्ता का दौर फिर से शुरू किया जाए और कर्मचारी हित में पुरानी पेंशन नीति को बहाल किया जाए। अन्यथा प्रदेश का कर्मचारी बड़े आंदोलन की राह जाने को मजबूर होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
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