सरकार की दूरदर्शिता और जिला प्रशासन की मुस्तैदी से परीक्षार्थियों को मिली हर सुविधा
नारनौल 31 जुलाई (परमजीत सिंह/गजेन्द्र यादव)।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित हरियाणा पात्रता परीक्षा (एचटेट) जिले भर में पूरी तरह पारदर्शी और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने खुद दिनभर विभिन्न परीक्षा केंद्रों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और शांतिपूर्ण संचालन सुनिश्चित किया।
इस सफल आयोजन के पीछे हरियाणा सरकार की दूरदर्शिता और जिला प्रशासन की मुस्तैदी की अहम भूमिका रही। सरकार के स्पष्ट निर्देशों का पालन करते हुए जिला प्रशासन ने परीक्षार्थियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जिसकी परीक्षार्थियों ने सराहना की। परीक्षा के दौरान कुछ स्थानों पर परीक्षार्थी अनजाने में गलत केंद्र पर पहुंच गए थे लेकिन जिला पुलिस अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके सही परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने की त्वरित व्यवस्था की। आज परीक्षा के अंतिम दिन नारनौल में सुबह की पारी में तथा महेंद्रगढ़ में सुबह और शाम दोनों पारियों में परीक्षाएं आयोजित की गईं।
प्रधानमंत्री 2 अगस्त को पीएम-किसान की 20वीं किस्त जारी करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से पीएम-किसान (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) योजना की 20वीं किस्त जारी करेंगे। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, देश भर के 9.8 करोड़ से अधिक किसानों को 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी।
यह जानकारी देते हुए डीडीए डॉ देवेंद्र सिंह ने बताया कि इस किस्त से हरियाणा के किसानों को भी महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। राज्य के 16.38 लाख किसानों को सीधे उनके खातों में किस्त प्राप्त होगी। इसके साथ ही जिला महेंद्रगढ़ में लगभग एक लाख पात्र किसानों को भी योजना का लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि पीएम-किसान एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे 24 फरवरी, 2019 को शुरू किया गया था। इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता तीन समान किस्तों में प्रदान की जाती है। 20वीं किस्त के जारी होने के साथ ही योजना के तहत कुल संवितरण 3.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा, जो किसानों की आर्थिक मजबूती में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
उन्होंने बताया कि यह योजना भूमिधारक किसान परिवारों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। पिछले छह वर्षों में 3.69 लाख करोड़ रुपये सीधे पात्र किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित किए गए हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है और कृषि गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। इस योजना ने विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों और महिला किसानों को लाभान्वित किया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिला है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी, जरूरतमंद किसानों को 1.75 लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए थे, जो विपरीत परिस्थितियों में किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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