नारनौल, 5 अगस्त (परमजीत सिंह/गजेन्द्र यादव)।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेंद्र सूरा के निर्देशानुसार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नीलम कुमारी के मार्गदर्शन में मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान नसीबपुर में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम) 2013 के प्रावधानों पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया।
इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पैनल अधिवक्ता गिरीबाला यादव ने बताया कि यह अधिनियम कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाली किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न को रोकने और उसका निवारण करने के लिए बनाया गया है। पीड़िता शिकायत निवारण समिति में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती है। पीड़िता को निवारण प्रदान करने के लिए मुआवजा स्थानांतरण जैसे कई प्रावधान है। इसमें यौन उत्पीड़न के दोषियों को दंडित करने का प्रावधान है। यौन उत्पीड़न के बारे में समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित करके जागरूक किया जाता है ताकि महिलाओं को कार्य करने के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण प्रदान किया जा सके। कोई महिला अगर गलत आरोप लगाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि आंतरिक समिति के नियमों का पालन करना सभी के लिए आवश्यक है।
इस मौके पर पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक एचआर सभरवाल, खामोश, सपना तथा कुलदीप यादव उपस्थित थे।
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