टैगोर की गीतांजलि विश्व साहित्य की शाश्वत कृति है- मनोज गौतम
साहित्य और दर्शन में रविंद्रनाथ टैगोर का योगदान आने वाली पीढियां को प्रेरित करता रहेगा- मनोज गौतम
महेन्द्रगढ़, 7 अगस्त (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
महेंद्रगढ़ के सतनाली मोड़ महाराणा प्रताप चौक स्थित जी आर इंस्टिट्यूट के कैंपस में हारट्रोन स्किल सेंटर फॉर कंप्यूटर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के सभागार में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ रविंद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में रविंद्रनाथ टैगोर के साहित्य और दर्शन पर मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए सवेरा स्वयंसेवी संस्था के प्रदेश अध्यक्ष मनोज गौतम ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर की कविताएँ प्रकृति प्रेम, रहस्यवाद और मानवतावाद के सुंदर मिश्रण के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और दर्शन का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं।उनकी भाषा सरल और सहज है,जो उनके साहित्य को व्यापक पाठकों के लिए सुलभ बनाती है।उनकी रचना गीतांजलि एक उत्कृष्ट काव्य संग्रह है, जिसने दुनिया भर के साहित्य और दर्शन पर एक अमित छाप छोडी है। गीतांजलि एक शाश्वत कृति है। उत्कृष्ट काव्य संग्रह है, जो आध्यात्मिकता,प्रेम और प्रकृति के प्रति गहरी श्रद्धा को व्यक्त करती है।यह एक कालातीत कृति है। रविंद्रनाथ टैगोर ने भारतवर्ष का नाम विश्व साहित्य में अमर किया है।टैगोर राष्ट्रगान के रचयिता भी हैं।भारतवासियों के लिए गौरव का विषय है कि एशिया का पहला नोबेल पुरस्कार भी रविंद्रनाथ टैगोर को ही मिला था। उनकी रचनाओं में राष्ट्रवाद झलकता है।इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कविता पाठ और नृत्य की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसमें प्रिया, प्रियंका, पिंकी व अन्य विद्यार्थियों ने भाग लिया। पिंकी ने रविंद्रनाथ टैगोर की कविता सुनाकर काव्य पाठ में प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रिया ने देशभक्ति गानों पर नृत्य करके नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। मुख्यअतिथि मनोज गौतम ने संस्थान की तरफ से स्मृति चिन्ह देकर के विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित किया।इस अवसर पर लोकेश,देवेंद्र,मनीष, पारस,प्रिया,प्रियंका,शुभम,केशव,लक्ष्य,पिंकी,लायपा आदि विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। विद्यार्थियों के आग्रह पर मनोज गौतम ने देशभक्ति की कविता सुनकर कार्यक्रम का समापन किया।
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