यज्ञ के समान कोई दान नहीं : भूपेंद्र आर्य

महेंद्रगढ़, 10 अगस्त (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।

आर्य समाज मंदिर महेंद्रगढ़ में आज सुख-शांति, समृद्धि, रोग-शोक निवारण एवं सर्वमंगल की कामना से साप्ताहिक यज्ञ एवं सत्संग का आयोजन बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आर्य समाज के प्रधान एवं वैदिक पुरोहित पंडित भूपेंद्र सिंह आर्य ने की। रानी आर्या ब्रह्मा आसन्न पर तथा बीर सिंह मेघनवास मुख्य यजमान के रूप में उपस्थित रहे।

पंडित भूपेंद्र आर्य ने कहा कि वैदिक संस्कृति में प्रत्येक शुभ कार्य, पर्व, त्यौहार और संस्कार यज्ञ के साथ सम्पन्न होते हैं। यज्ञ भारतीय संस्कृति का पिता और प्राचीनतम उपासना पद्धति है। जन्म से लेकर अन्त्येष्टि तक 16 संस्कार होते हैं और सभी में यज्ञ का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि यज्ञ सुख-शांति, समृद्धि और कल्याण का मार्ग है, जो अपने-पराए, मित्र-शत्रु तथा जड़-चेतन सभी को समान रूप से लाभ पहुंचाता है।

डॉ. अशोक कुमार आर्य ने कहा कि असाध्य रोग भी यज्ञ द्वारा सहज ही दूर हो सकते हैं। स्वास्थ्य और रोग-निवारण के लिए यज्ञ का आश्रय लेना चाहिए।

कार्यक्रम में महेंद्र दीवान, संजय कुमार, बहादुर सिंह, किरोड़ी लाल, दीपक आर्य सहित अन्य श्रद्धालुओं ने आहुति दी।

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