आरटीआई जवाब में देरी पर शिक्षा विभाग अधिकारी पर ₹25,000 जुर्माना

महेंद्रगढ़, 12 अगस्त (परमजीत सिंह/कुणाल सिंह)।

हरियाणा राज्य सूचना आयोग (SIC) ने महेंद्रगढ़ निवासी एवं आरटीआई कार्यकर्ता सरोज यादव की शिकायत पर सख्त कार्रवाई करते हुए ब्लॉक शिक्षा कार्यालय गुरुग्राम की सहायक अनीता चौहान पर ₹25,000 का अधिकतम जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई आरटीआई अधिनियम के तहत निर्धारित 30 दिन की समय सीमा में सूचना न देने और लगभग एक साल बाद जानकारी उपलब्ध कराने के मामले में की गई।

मामला 26 अगस्त 2023 का है, जब सरोज यादव ने ब्लॉक शिक्षा कार्यालय, गुरुग्राम में की गई शिकायतों की जांच रिपोर्ट और अंतिम कार्यवाही रिपोर्ट की मांग की थी। आयोग की सुनवाई में खुलासा हुआ कि विभाग ने सूचना केवल आयोग का नोटिस मिलने के बाद ही भेजी।

आयोग ने माना कि यह “जुर्माना लगाने का उपयुक्त मामला” है। अपनी सफाई में चौहान ने कार्यभार अधिक होने और आरटीआई प्रावधानों की जानकारी न होने का हवाला देते हुए बिना शर्त माफी मांगी, लेकिन राज्य सूचना आयुक्त कुलबीर छीकरा ने इसे “अपर्याप्त” करार दिया।

आयोग ने 2014 के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि बिना उचित कारण देरी पर जुर्माना अनिवार्य है। हालांकि, SPIO-कम-ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सुदेश कुमार को बरी कर दिया गया, क्योंकि चौहान डायरी और डिस्पैच के साथ आरटीआई का कार्य भी संभाल रही थीं और जवाब भेजना “नजरअंदाज” हो गया था।

जुर्माने की राशि माध्यमिक शिक्षा निदेशक और जिला शिक्षा अधिकारी, गुरुग्राम द्वारा वसूल कर 31 अक्तूबर 2025 तक आयोग के खाते में जमा करनी होगी। इसकी निगरानी SIC के रजिस्ट्रार करेंगे।

सरोज यादव ने कहा, “जब समय पर सूचना नहीं मिलती तो इसका क्या फायदा? न्याय में देरी, न्याय से वंचित करने के बराबर है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि सूचना का अधिकार अधिनियम कार्यालयों में पारदर्शिता लाने का महत्वपूर्ण हथियार है।

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