चुनौती नहीं, अवसर है एआई- डॉ. अशोक कुमार

महेंद्रगढ़, 20 अगस्त (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में बुधवार को एडिरा, डेटा लीड व गूगल के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं मीडिया पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से 100 से अधिक विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने प्रतिभागिता की। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला में विद्यार्थियों ने आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस के दिन प्रतिदिन बढ़ते प्रयोग को लेकर अपनी जिज्ञासाओं को भी सांझा किया। इस अवसर पर उन्होंने एडिरा व डाटा लीड द्वारा देश भर में चलाए जा रहे इस अभियान के बारे में जानकारी दी।
विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष एवं एडिरा प्रशिक्षक डॉ अशोक ने प्रतिभागियों को एआई टूल्स एवं विभिन्न एप्लीकेशन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में भविष्य के कार्यस्थल मानव व एआई द्वारा संयुक्त रूप् से चलाए जाने हैं। ऐसे में हमारे विद्यार्थी इंटेलीजेंस एज के इस नए टूल्स को नहीं सीखेंगे तो भविष्य में उन्हें रोजगार के क्षेत्र में नई चुनौतियों का सामना करना होगा इसलिए जरूरी यह है कि देश में अधिक से अधिक युवाओं को एआई साक्षर बनाने की आवश्यकता है। एआई साक्षरता समय की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि एआई कोई चुनौती नहीं है। यह एक नई संभावना व असीमित अवसर के रूप में हर क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए उपलब्ध है। उन्होंने विद्यार्थियों से आहवान किया कि एआई के प्रयोग करने में कुछ भी गलत नहीं। अपने उदबोधन में उन्होंने एआई का इतिहास और इसके सामाजिक-व्यावसायिक प्रभावों पर चर्चा, जेनरेटिव एआई और प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग की मूलभूत समझए मीडिया, शोध और रचनात्मक क्षेत्रों में एआई टूल्स के व्यावहारिक प्रयोग से विद्यार्थियों को अवगत कराया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को चैटजीपीटी, जेमिनी, मिडजर्नी और डॉली जैसे एआई टूल्स का भी प्रशिक्षण प्राप्त किया।
डॉ. अशोक कुमार ने भविष्यवेत्ता कुर्जवेल के वकतव्य का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि 2045 तक एआई मानव बुद्धिमत्ता को पीछे छोड़ सकता है, इसलिए आज से ही विद्यार्थियों और पेशेवरों को एआई के प्रति तैयार रहना चाहिए। इस अवसर पर भूगोल विभाग से प्रो. जितेंद्र कुमार, प्रो. ऑफ प्रेक्टिस डॉ. विजय सोनी, डॉ पिंकी अरोडा, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. सुरेंद्र, डॉ. नीरज कर्ण सिंह सहित भारी संख्या मंे शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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