उद्यमिता आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आधारशिला है– प्राचार्य प्रो. डॉ. पूर्ण प्रभा
महेन्द्रगढ़, 21 अगस्त (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
राजकीय महाविद्यालय, महेन्द्रगढ़ में आज अंतर्राष्ट्रीय उद्यमिता दिवस बड़े उत्साह और उत्सवधर्मिता के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला उच्चतर शिक्षा अधिकारी एवं महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. डॉ. पूर्ण प्रभा ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने अपने उद्घाटन उद्बोधन में विद्यार्थियों को उद्यमिता की संकल्पना, उसकी प्रासंगिकता एवं बदलते वैश्विक परिदृश्य में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के दौर में युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए पारंपरिक रोजगार की अपेक्षा स्वरोजगार और स्टार्टअप की ओर अग्रसर होना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. जितेन्द्र सिंह ने छात्र-छात्राओं को उद्यमिता के महत्व एवं इसके विविध फायदों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उद्यमिता आज की अर्थव्यवस्था का आधार है, जो न केवल रोजगार सृजन का सशक्त माध्यम है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि उद्यमिता से नवाचार, आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। साथ ही उन्होंने स्वरोजगार की संभावनाओं और इसके लिए आवश्यक कौशल पर भी विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम में डॉ. नीतू शर्मा और पूजा शर्मा ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। दोनों ने छात्राओं को विशेष रूप से महिला उद्यमिता की बढ़ती भूमिका पर विचार साझा करते हुए उद्यमिता क्षेत्र में करियर निर्माण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज महिलाएँ विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता के माध्यम से अपनी पहचान बना रही हैं और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही हैं।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने प्रश्न पूछकर उद्यमिता से जुड़ी विविध जानकारियाँ प्राप्त कीं और अपने विचार साझा किए। पूरे आयोजन के दौरान वातावरण प्रेरणादायी और उत्साहवर्धक बना रहा।
अंत में महाविद्यालय प्रशासन की ओर से सभी विशिष्ट अतिथियों का आभार प्रकट किया गया तथा भविष्य में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम निरंतर आयोजित करने का संकल्प लिया गया।
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