महेंद्रगढ़, 25 अगस्त (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
मदर टेरेसा ने पूरा जीवन जरूरमंद लोगों को समर्पित किया। दया,करुणा,परोपकार, मानव सेवा के कार्यों ने ही उनको ‘गरीबों की मां’ का दर्जा दिया।हम मदर टेरेसा के जीवन से प्रेरणा लेकर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं, समाज को संस्कारी और देश के नागरिकों को उत्तम श्रेणी का नागरिक बना सकते हैं।उनका जीवन हमें दूसरों की सेवा करने के लिए प्रेरित करता रहता है। भारत सरकार ने उनके आत्मसमर्पण,परोपकार, करुणा,दया,प्रेम जैसे गुणों को देखकर उनके द्वारा किए गए अतुलनीय सेवा भाव के कार्यों के लिए भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया।मदर टेरेसा के जीवन से प्रेरणा लेकर हम सबको बड़े- बूढ़ो की सेवा करनी चाहिए।हर जीव-जंतु के प्रति दया एवं सेवा की सोच रखनी चाहिए।मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा बताई गई है। उक्त विचार मदर टेरेसा की जयंती की पूर्व संध्या पर महेंद्रगढ़ के सतनाली मोड़ स्थित जी आर इंस्टीट्यूट के कैंपस स्थित हारट्रोन स्किल सेंटर फॉर कंप्यूटर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के सभागार में मुख्य वक्ता माता शकुंतला देवी ने व्यक्त किये। कार्यक्रम में पूजा गौतमऔर विजय जडेजा विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे।
इस अवसर पर प्रिया,मधु,नेहा,प्रियंका, वोकेस्वर,निशु,शर्मिला, रोहित,सचिन,लोकेश आदि ने मदर टेरेसा के जीवन की दया,करुणा और मानवतावादी घटनाओं पर प्रकाश डाला।
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