हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में पाँच दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम की हुई शुरूआत

कुलपति ने कहा शिक्षा जीवन पर्यन्त तक उपयोगी

महेंद्रगढ़, 25 अगस्त (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के अंतर्गत दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए सोमवार से पाँच दिवसीय दीक्षारम्भ कार्यक्रम की शुरूआत हुई। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के पहले दिन स्कूल ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी एंड एप्लाइड साइंसेज व स्कूल ऑफ बेसिक सांइसेज के स्नातकोत्तर कार्यक्रमों तथा एम.टेक. में पंजीकृत विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि हरि की धरती हरियाणा में सभी का स्वागत है। यह समय है अपने जीवन की दिशा निर्धारित करने का और उसके लिए आवश्यक शिक्षा व कौशल के विकास का। विश्वविद्यालय इस प्रयास में सदैव आपके साथ है।
प्रो. टंकेशवर कुमार ने विद्यार्थियो को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा वही धरती है जहाँ भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। कुलपति ने अपने संबोधन में विशेष रूप से विद्यार्थियों को शिक्षा के महत्त्व और उसे अर्जित करने के लिए आवश्यक परिश्रम से अवगत कराया। कुलपति ने कहा कि शिक्षा जीवन भर जारी रहती है। अर्जित ज्ञान हमारे जीवन को दिशा प्रदान करने का कार्य करता है। विभिन्न स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थी अवश्य ही अगले दो वर्षों में अपने जीवन के नए आयामों को प्राप्त करेंगे। कोई शिक्षक, कोई वैज्ञानिक तो कोई प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र की ओर बढ़ेगा और यह दिशा उन्हें अर्जित ज्ञान के माध्यम से ही प्राप्त होगी। प्रो. टंकेशवर कुमार ने अपने संबोधन में शिक्षा के महत्त्व के साथ-साथ समय प्रबंधन व नैतिक मूल्यों की आवश्यता से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि देश के विकास हेतु एक उपयुक्त नागरिक के निर्माण में शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का भी अहम योगदान होता है।
विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. रेनु यादव ने इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतिकरण देते हुए विश्वविद्यालय में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं, संसाधनों व विद्यार्थी हितैषी प्रयासों का उल्लेख किया। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के समकुलपति प्रो. पवन कुमार शर्मा ने विद्यार्थियों के समक्ष भारत की परिकल्पना और भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विस्तार से प्रािश डाला। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्त्व और पुरातन गुरुकुल परम्परा के माध्यम से भारतीय शिक्षा ¬प्रणाली में उपलब्ध शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के अवसरों पर भी प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने विद्यार्थियो को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय नियमों के अनुरूप निर्धारित व्यवस्था का अनुसरण करता है इसलिए इसके संचालन में सहयोग प्रदान करें। कुलसचिव ने विद्यार्थियों को हरसंभव सहयोग के लिए आश्वस्त करते हुए उनका स्वागत किया। विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी डॉ. विकास कुमार, शोध अधिष्ठता प्रो. नीलम सांगवान, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. पवन कुमार मौर्य, पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. संतोष, सी.एच., प्रोक्टर डॉ. नंद किशोर, प्रोवोस्ट प्रो. मोना शर्मा, मेडिकल ऑफिसर डॉ. रजत यादव व स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. पूजा ने विश्वविद्यालय की विभिन्न सुविधाओं व उनकी कार्यप्रणाली से अवगत कराया। आयोजन में उप-छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. नीरज कर्ण सिंह तथा सहायक छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. मुलाका मारूति व देवेंद्र राजपूत ने महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। इस अवसर पर भारी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक व अधिकारी उपस्थित रहे।

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