हकेवि दीक्षारंभ कार्यक्रम का तीसरा दिन
महेंद्रगढ़ , 27 अगस्त (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के अंतर्गत दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए जारी दीक्षारंभ कार्यक्रम के तीसरे दिन स्कूल ऑफ एजुकेशन के विभिन्न कार्यक्रमों में पंजीकृत विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि हमारे जीवन में राष्ट्र प्रथम होना चाहिए और यही जीवन का धर्म होना चाहिए। कुलपति ने अपने संबोधन में शिक्षक शिक्षा पीठ के विद्यार्थियों के लिए अधिक जिम्मेदारीपूर्ण रवैये का उल्लेख करते हुए कहा कि चूंकि आप भविष्य के शिक्षक हैं इसलिए आपकी जिम्मेदारी अपेक्षाकृत अधिक है।
कुलपति ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालयी शिक्षा के महत्त्व की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यहाँ किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक समझ व नैतिक मूल्यों का विकास होता है। किसी भी शिक्षक की सफलता इसी में है कि वह जीवन पर्यंत तक अध्ययनरत रहता है और ज्ञान केवल मात्र डिग्री तक सीमित नहीं है। चूंकि आप भविष्य के शिक्षक हैं इसलिए समाज व देश के प्रति आपका दायित्व अधिक है। विश्वविद्यालय आपको मिनी इंडिया के रूप में भारत के विभिन्न स्वरूप, संस्कृति, आचार-विचार से अवगत कराता है। अवश्य ही आप अपने अध्ययन के दौरान इन पहलुओं को आत्मसात करेंगे।
इसी क्रम में विश्वविद्यालय के समकुलपति प्रो. पवन कुमार शर्मा ने विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि आपने क्या अध्ययन किया इससे अधिक महत्त्वपूर्ण है कि आप कैसे अध्ययन करते हैं। शिक्षक शिक्षा के लिए आवश्यक है कि हम स्वयं को इस तरह से तैयार करें कि जब हम विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए जाएं तो हमारी अध्ययन प्रणाली में ऐसे उदाहरण समाहित हों जो हमारे आसपास उपलब्ध व्यावहारिक उदाहरण हों। जहाँ तक बात राष्ट्र की है तो राष्ट्र सदैव प्रथम का भाव सभी के मन में रहना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि हमें जो दायित्व मिले हैं उनका जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करें।
विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. रेनु यादव ने इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतिकरण देते हुए विश्वविद्यालय में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं, संसाधनों व विद्यार्थी हितैषी प्रयासों का उल्लेख किया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने विद्यार्थियो का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की नियमों की अनुपालना विशेष रूप से विद्यार्थियों की ओर से अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों के हरसंभव सहयोग के लिए सदैव तत्पर है। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजीव कौशिक, वित्त अधिकारी डॉ. विकास कुमार, शोध अधिष्ठता प्रो. नीलम सांगवान, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. पवन कुमार मौर्य, प्रोक्टर डॉ. नंद किशोर, वार्डन डॉ. मनीष कुमार ने विश्वविद्यालय की विभिन्न सुविधाओं व उनकी कार्यप्रणाली से अवगत कराया। इस अवसर पर शिक्षक शिक्षा पीठ के अधिष्ठाता प्रो. रविंद्र पाल अहलावत, प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. जे.पी. भूकर सहित भारी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक व अधिकारी उपस्थित रहे। आयोजन में उप-छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. नीरज कर्ण सिंह तथा सहायक छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. मुलाका मारूति व देवेंद्र राजपूत ने महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की।
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