Sunday, July 13, 2025
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जलभराव वाले निचले इलाकों में पर्याप्त संख्या में पम्प, बिजली मोटर, बिजली कनेक्शन आदि की व्यवस्था करे सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 10 जुलाई(ब्यूरो)।

सरकार में बैठे लोगों ने नगर निगमों को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है
-सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करके सफाई कराने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन सब कुछ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा में हो रही मानसूनी बारिश के बाद हुए भारी जलभराव, सड़कें धंसने, रास्तों पर लंबे जाम लगने की खबरों को चिंताजनक बताते हुए कहा कि पहली ही बरसात ने सरकार के पानी निकासी के दावों की हवा निकाल दी है और BJP सरकार के भ्रष्टाचार की भी पोल खोलकर रख दी है। गाँव से लेकर शहरों तक जलनिकासी की पुख्ता व्यवस्था न होने से फसल, संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। राज्य के अधिकाँश जिलों में जलनिकासी व्यवस्था न होने के कारण खेतों, गलियों, सड़कों, कॉलोनियों प्रमुख मार्गों और अंडरपास में पानी भरने से वाहनों के ड्राइवरों और राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई कॉलोनियों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों में घुटनों तक पानी भर गया है। सड़कों पर कीचड़, फिसलन, बदबू फैलने से आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। सरकार सुनिश्चित करे कि जलभराव वाले निचले इलाकों में पर्याप्त संख्या में पम्प, बिजली मोटर, बिजली कनेक्शन आदि की व्यवस्था हो।

उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोगों ने नगर निगमों को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। तमाम नगर निगमों में सफाई घोटाले को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करके सफाई कराने के बड़े-बड़े दावे करती है। यदि सीवर, ड्रैनेज की सफाई, जलनिकासी की सही ढंग से व्यवस्था होती तो फिर इतना बुरा हाल नहीं होता। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सफाई का जो पैसा शहर के सीवरेज सिस्टम, ड्रेनेज सफाई पर खर्च होना था, वो पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। शहरों के नाले तो साफ नहीं हुए, रुपया साफ हो गया। दीपेन्द्र हुड्डा ने आगे कहा कि प्रदेशभर की सड़कें तो पहले से ही जर्जर थीं, बरसात के कारणत उनकी हालत और ज्यादा खराब हो चुकी है। बरसात के बाद सड़क धँसने, सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढों से राहगीरों के चोटिल होने की खबरें आ रही हैं। मानसून सीजन की पहली बारिश में इतना बुरा हाल है तो आने वाले पूरे सीजन में क्या होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि देश की राजधानी से सटे गुरुग्राम का सबसे बुरा हाल है कहने को केंद्र, राज्य में बीजेपी सरकार है, गुरुग्राम के सांसद केंद्र सरकार में मंत्री हैं। यही नहीं, मिलेनियम सिटी कहे जाने वाले गुरुग्राम से अरबों रुपए का राजस्व हर साल सरकार को मिलता है। लेकिन शहर भर के नाले जाम हैं, सड़कें टूटी रहती हैं, चारों तरफ कचरे का अंबार जमा है। यही कारण है कि थोड़ी सी बरसात होते ही मिलेनियम सिटी एक्वेरियम सिटी बन जाती है। कल हुई बारिश के बाद गुरुग्राम से आने वाली सालाना तस्वीरें देखकर दुख होता है। कुछ जगहों पर स्थानीय निवासियों ने तो बरसाती पानी में तैरकर सरकार को आईना दिखाने की भी कोशिश की। ये भाजपा के भ्रष्ट और नकारा तंत्र का जीता-जागता प्रमाण है। नालों की सफाई और जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण कई मकानों के ग्राउंड फ्लोर, दुकानों और सरकारी भवनों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों की संपत्ति, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और आवश्यक दस्तावेजों को काफी क्षति हुई है। गुरुग्राम कभी रहने और निवेश के लिए आदर्श माना जाता था। लेकिन अब बीजेपी सरकार के नकारेपन के चलते और बरसात में गुड़गाँव की बदहाली के कारण लोग गुड़गाँव की बजाय अपना निवेश और निवास नोएडा की तरफ करने लगे हैं।

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