वैदिक परंपराएं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का आधार हैं : डॉ. पूर्ण प्रभा

महेंद्रगढ़, 23 जुलाई  (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।

राजकीय महाविद्यालय महेंद्रगढ़ में नवीन शैक्षणिक सत्र 2025-26 के शुभारंभ के अवसर पर वैदिक परंपरा के अनुसार एक सामूहिक वैदिक यज्ञ का आयोजन बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया। इस यज्ञ का उद्देश्य नव प्रवेशित विद्यार्थियों के स्वागत के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास हेतु सकारात्मक एवं आध्यात्मिक वातावरण की स्थापना करना रहा।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. (प्रो.) पूर्ण प्रभा ने यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वैदिक विधि-विधान से किया गया यज्ञ न केवल वातावरण को शुद्ध करता है, बल्कि यह एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे विद्यार्थियों का मानसिक, शारीरिक एवं बौद्धिक विकास होता है। हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति वैदिक सिद्धांतों पर आधारित थी, जो वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध थी। ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों में अनुशासन, आत्मबल एवं सांस्कृतिक चेतना का संचार होता है।
यज्ञपुरोहित आर्य समाज महेंद्रगढ़ के प्रधान पं. भूपेंद्र सिंह आर्य रहे। इस आयोजन में विशेष रूप से वेद प्रचार मंडल महेंद्रगढ़ के अध्यक्ष डॉ. प्रेम राज, वीर सिंह, आनंद कुमार तथा ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती की धर्मपत्नी डॉ. संतोष आर्या एवं उनके सुपुत्र डॉ. शिव कुमार आर्य उपस्थित रहे। डॉ अनीता यादव व यज्ञमान के रूप में प्रो. (डॉ.) शमशेर सिंह धर्मपत्नी उर्मिला देवी व प्रो. विजय यादव धर्मपत्नी डॉ. विजया बाई उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण, गैर-शिक्षण स्टाफ एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे और उन्होंने यज्ञ में पूर्ण श्रद्धा एवं उत्साह के साथ भाग लिया।
प्राचार्य प्रो. (डॉ.) पूर्ण प्रभा ने उपस्थित सभी विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों को संबोधित करते हुए यह आह्वान किया कि वैदिक यज्ञ के अनगिनत लाभ हैं। आज की युवा पीढ़ी को केवल आधुनिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि आत्मिक जागरूकता और नैतिक मूल्यों की भी आवश्यकता है। भारत की 60 प्रतिश्त से अधिक जनसंख्या युवा है, जो किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होती है। हमें अपने युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ ऐसी गतिविधियों से जोड़ना चाहिए, ताकि वे संतुलित और उत्तरदायी नागरिक बन सकें।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त अध्यापक रघुनाथ यादव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने वैदिक यज्ञ जैसे सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक आयोजन की सराहना करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. (प्रो.) पूर्ण प्रभा का इस प्रेरणादायक पहल हेतु आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. प्रेम राज ने भी विद्यार्थियों को वैदिक ज्ञान एवं भारतीय परंपराओं के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
समापन पर प्राचार्या डॉ. पूर्ण प्रभा ने सभी आगंतुक अतिथियों, यज्ञाचार्यों, शिक्षकगण, स्टाफ सदस्यों एवं विद्यार्थियों का आभार प्रकट किया तथा यज्ञ के सफल आयोजन हेतु टीम को शुभकामनाएँ दीं। कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित सभी को प्रसाद वितरण किया गया।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top