हकेवि में 79वें स्वतंत्रता पर समारोह का हुआ आयोजन

कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने किया ध्वजारोहण

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोह लिया सभी का मन
महेंद्रगढ़,16 अगस्त (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को ध्वजारोहण समारोह का आयोजन हुआ। 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने प्रशासनिक भवन के सामने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। प्रो. टंकेशवर कुमार ने उपस्थित लोगों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम आज आजादी का पर्व मना रहे हैं। कुलपति ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सहभागियों के साथ भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व देश की सीमा की रक्षा करने वाले वीर जवानों के सेवा, समर्पण व त्याग को याद किया और कहा कि आज हम इन्ही वीर सपूतों के त्याग व बलिदान के कारण सुरक्षित है। इससे पूर्व में कुलपति ने स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. सुनीता श्रीवास्तव, कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजीव कौशिक व शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. पवन कुमार मौर्य भी उपस्थित रहे।

प्रो. टंकेशवर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के 78वर्ष पूर्ण होने पर हम भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हम विकसित भारत के निर्माण की ओर अग्रसर हैं। आज का दिन देश को आजाद कराने में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले उन स्वतंत्रता सेनानियों को भी नमन करने का दिन है, जिन्होंने स्वतंत्र भारत के सपने को साकार करने के लिए मुस्कराते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। कुलपति ने आज के इस पावन अवसर पर हमें विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में हरसंभव योगदान देने का संकल्प लेने का आह्वान किया। ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कुलपति ने कहा कि भारतीय सेना ने जिस शौर्य व पराक्रम के साथ पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और उनके घर में घुसकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। उससे स्पष्ट हो गया है कि नया भारत हर हमले का जवाब देने का दम रखता है। प्रो. टंकेशवर कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता का अर्थ केवल राजनीतिक आज़ादी नहीं, बल्कि शिक्षा, विज्ञान, तकनीक, सामाजिक समरसता और आत्मनिर्भरता में मोर्चे पर प्रगति भी है। भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय इसी ध्येय के लिए निरंतर प्रयासरत है।
विश्वविद्यालय की प्रगति का उल्लेख करते हुए कुलपति ने कहा कि विभिन्न मानक एजेंसियों की नजर में हकेवि निरंतर प्रगति कर रहा हैं। विश्वविद्यालय एक वैश्विक स्तर का श्रेष्ठ शिक्षण संस्थान बने यह हम सभी का सपना है। अवश्य ही हम मिलकर विकसित भारत के निर्माण में विश्वविद्यालय का उल्लेखनीय योगदान सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान का उत्कृष्ट केंद्र बने इसके लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। संसाधनों के मोर्चे पर नए पुस्तकालय भवन व ऑडिटोरियम के निर्माण का कार्य जारी है। विश्वविद्यालय की अन्य उपलब्धियों में हाल में प्राप्त ईडब्ल्यू इंडिया रैंकिंग, आईआईआरएफ रैकिंग, रैंकिंग, आईडीए अवार्ड, मैट्रो लैब्स, दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र की स्थापना प्रमुख है। कुलपति ने कहा कि हमे आशा है जब 2047 में भारत अपनी आजादी के 100 साल मना रहा होगा उस समय भारत की सामर्थ्य एवं शक्ति का मूल्यांकन होगा तब नई शिक्षा नीति भारत के तीव्र विकास व आत्मनिर्भरता का आधार साबित होगी। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय इस नीति के सफलतम क्रियान्वयन की दिशा में अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में निरंतर प्रयासरत है।
विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय द्वारा आयोजित इस समारोह में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व कर्मचारियों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से समां बांधा। इनमें अस्मिता यादव, शुभम्, सत्यम, शंकर, एम. श्रद्धा, स्नेहा, देवनंदा, हर्षवर्धन, अभिजीत, रीतसामा, म्यूजिक क्लब शामिल रहे। आयोजन की शुरुआत में विश्वविद्यालय की एनएसएस, एनसीसी व सुरक्षाकर्मियों की टीम द्वारा किए गए मार्च ने भी सभी का ध्यानाकर्षित किया। कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन डॉ. नीरज कर्ण सिंह ने किया और आयोजन के अंत में छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. रेनु यादव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में उपस्थित स्थानीय ग्रामीणों ने कुलपति को पगड़र पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, शिक्षणेतर कर्मचारी व उनके परिवार के सदस्य तथा स्थानीय नागरिक भी उपस्थित रहे।

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