यज्ञ स्वयं में एक चिकित्सा पद्धति : गाहड़ा में हुआ भव्य आयोजन

महेंद्रगढ़, 17 अगस्त (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
आर्य समाज गाहड़ा के तत्वावधान में वैदिक विचारधारा के प्रचार-प्रसार एवं गली-गली यज्ञ की श्रृंखला के अंतर्गत आज एक भव्य यज्ञ एवं सत्संग का आयोजन किया गया। यह आयोजन आर्य समाज प्रधान रामेश्वर दयाल शास्त्री की अध्यक्षता में, यजमान सुदर्शन आर्य सहधर्मिणी पिंकी आर्या एवं संदीप यादव सहधर्मिणी अंजू आर्या के द्वारा संपन्न हुआ। यज्ञ का पुरोहित्त्व पंडित धुरेंद्र आर्य एवं पंडित भूपेंद्र सिंह आर्य, तथा ब्रह्मत्व पंडित चितरू राम ने निभाया।

कार्यक्रम में आर्य समाज प्रधान रामेश्वर दयाल शास्त्री ने बताया कि यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है, आयु व बल की वृद्धि होती है तथा यज्ञकर्ता को आत्मिक प्रसन्नता और संतुष्टि का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि यज्ञ रहित जीवन तेजहीन हो जाता है। यज्ञ मनुष्य को निरंतर आगे बढ़ने, पुरुषार्थी बनने और जीवन में संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है।

पंडित धुरेंद्र आर्य ने कहा कि यज्ञ का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। मंत्रोच्चारण और यज्ञ धुएं से मानसिक शांति, एकाग्रता, तनाव और चिंता में कमी आती है। यज्ञ परिवार और समाज को एकजुट करने वाला अनुष्ठान है जो सहयोग और समर्थन की भावना को बढ़ाता है।

उन्होंने बताया कि यज्ञ वायु मंडल को शुद्ध कर रोगों और महामारियों को दूर करने में सहायक है। यज्ञ की राख फसलों को कीटों से बचाती है और पौधों को प्राकृतिक खाद उपलब्ध कराती है। वर्षा ऋतु में फैलने वाली बीमारियां जैसे सर्दी-जुकाम, मलेरिया, चेचक आदि रोग भी यज्ञ द्वारा नियंत्रित किए जा सकते हैं।

इस अवसर पर मनोज आर्या, मनीष यादव, सूबेदार मेजर नित्यानंद यादव, रामकुमार यादव, राजवीर पूर्व सरपंच, महाराम पंच, बलवंत सिंह आर्य, रामकिशन यादव, धर्मवीर सिंह, रामनिवास यादव, डॉ. राजपाल, पंडित परमानंद, मुकुट लाल शर्मा, लालाराम, मास्टर वेदपाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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