कुलपति बोले विकसित भारत के निर्माण में युवाओं का महत्त्वपूर्ण योगदान
महेंद्रगढ़, 2 सितम्बर (परमजीत सिंह/शैलेन्द्र सिंह)।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान पीठ तथा सेंटर फॉर नरेंद्र मोदी स्टडीज (सीएनएमएस) के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को ‘राष्ट्र निर्माण में युवा शक्तिः अवसर एवं उत्तरदायित्व‘ विषय पर केंद्रित राष्ट्रीय युवा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में असम के पूर्व राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद के पूर्व कुलाधिपति फ़िरोज बख्त अहमद विशिष्ट अतिथि के रूप में तथा जर्नलिज़्म टुडे ग्रुप की सीईओ डॉ. जावेद रहमानी तथा प्रो. दिव्या तंवर की गणमान्य अतिथि के रूप में गरिमामयी उपस्थिति रही। आयोजन में नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष प्रो. जसीम मोहम्मद विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
आयोजन में मुख्य अतिथि प्रो. जगदीश मुखी ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की युवा शक्ति देश की बहुमूल्य ताकत है। शिक्षा, उद्यमिता, नवाचार व राष्ट्र के विकास की जिम्मेदारी युवाओं की है। युवा पीढ़ी का आह्वान करते हुए प्रो. मुखी ने सच के साथ सदैव खड़े रहने के लिए प्रेरित किया। प्रो. मुखी ने शहीदों का उदाहरण देते हुए बताया कि आजादी की लड़ाई में किस तरह से क्रांति व अहिंसा का अनुसरण करते हुए क्रांतिकारियों ने अपना योगदान दिया। प्रो. मुखी ने इस अवसर पर विभाजन की विभीषिका का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस दिवस की स्मृति में देश भर में शुरु किए गए आयोजनों का भी उल्लेख अपने संबोधन में किया। प्रो. मुखी ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु स्वामी राम कृष्ण परहंस व उनके शिष्य स्वामी विवेकानंद का स्मरण कराया। प्रो. जगदीश मुखी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विकसित व समृद्ध बनने की राह पर अग्रसर है और इस प्रयास में युवाओं की भूमिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने प्रो. जगदीश मुखी, प्रो. जसीम मोहम्मद, फिरोज बख्त अहमद व अन्य अतिथियों का उनकी उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर जगदीश मुखी इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं कि एक शिक्षक विद्यार्थियों का विकास देश निर्माण के लिए करता है। साथ ही साथ, वह स्वयं भी देश के विकास में अवसर मिलने पर सक्रिय योगदान देता है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि युवाओं का दायित्व है कि वे भारत को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय योगदान दें और यह कार्यक्रम इस दिशा में निर्णायक भूमिका अदा करेगा। कुलपति ने स्पष्ट किया कि दूसरों पर निर्भरता को समाप्त करके विकसित भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।
आयोजन में विशिष्ट अतिथि फिरोज बख्त अहमद ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप ही देश का भविष्य हैं। इसलिए जीवन में आने वाली सफलता-असफलता से प्रेरणा लेकर भविष्य की राह तय करें। उन्होंने अपने संबोधन में कठिन परिश्रम, दूर-दृष्टि व राष्ट्र निर्माण के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत रहने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है और इसके सफलतम क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। श्री अहमद ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह देश का सौभाग्य है कि हमें एक ऐसा नेतृत्व मिला है जो भारत को नई बुलंदियों तक पहुँचा रहा है।
नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष प्रो. जसीम मोहम्मद ने इस अवसर पर कहा कि इस केंद्र का उद्देश्य उल्लेखनीय शोध कार्यों व अध्ययन सामग्री का निःशुल्क प्रचार-प्रसार करना है। यह केंद्र प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा लेते हुए शिक्षा के क्षेत्र में जारी अध्ययन को उचित माध्यम से जन-जन तक पहुँचाने में जुटा है। विश्वविद्यालय के साथ हुई साझेदारी अवश्य ही इन प्रयासों को बल प्रदान करेगी।
डॉ. जावेद रहमानी ने कहा कि आज के बच्चे कल का भविष्य है और उन्हें यकीन है कि भारत के विकास में योगदान देने वाले अगले एपीजे अब्दुल कलाम व अटल बिहारी वाजपेयी आज की युवा पीढ़ी में से ही तैयार होकर निकलेंगे। इसी तरह डॉ. दिव्या तंवर ने विद्यार्थियों को साइबर सिक्योरिटी व इंटरनेट के सदुपयोग के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में विश्वविद्यालय की मानविकी एवं समाज विज्ञान पीठ की अधिष्ठाता प्रो. पायल कवंर चंदेल ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और अतिथियों का स्वागत किया। आयोजन के दौरान मंच का संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक आचार्य डॉ. नीरज कर्ण सिंह ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार सहित प्रो. दिनेश चहल, प्रो. रेनु यादव, प्रो. तनु गुप्ता, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. विष्णु कुचेरिया, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. कामराज सिंधु, डॉ. अभिरंजन कुमार सहित भारी संख्या में विद्यार्थी, शोधार्थी, शिक्षक उपस्थित रहे।
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