पांच साल में 1.49 करोड़ सब्जी की पौध तैयार की
सॉइल-लेस मीडिया का उपयोग करके तैयार हो रही पौध
नारनौल,न्यूज हरियाणा (परमजीत सिंह/गजेन्द्र यादव)।
हरियाणा सरकार के विजन के अनुरूप जिला के गांव सुंदरह में स्थित एकीकृत बागवानी विकास केंद्र नई तकनीक के माध्यम से कृषि क्षेत्र को आधुनिक, कुशल और भविष्य के लिए तैयार कर रहा है।
यहां से सीखकर किसान परंपरागत की बजाय प्राकृतिक खेती की ओर रुझान कर रहे हैं। इस पहल से किसान न सिर्फ बेहतर उपज पा रहे हैं, बल्कि उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो रही है। यह केंद्र एक आदर्श मॉडल के रूप में उभरा है जो अन्य किसानों को भी प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
इस एकीकृत बागवानी विकास केंद्र की नींव 15 जुलाई 2016 को रखी गई थी और 1 सितंबर 2019 को इसका उद्घाटन हुआ था। यह केंद्र 12.5 एकड़ भूमि पर बनाया हुआ है।
इस केंद्र की सबसे बड़ी उपलब्धि इसकी अत्याधुनिक नर्सरी है। यहां हाई-टेक ग्रीन हाउस में कोकोपीट, वर्मीकुलाइट और परलाइट जैसे सॉइल-लेस मीडिया का उपयोग करके पौधे तैयार किए जाते हैं। इन मिट्टी-रहित पौधों की गुणवत्ता और रोग-प्रतिरोधक क्षमता सामान्य पौधों से कहीं बेहतर होती है। वर्ष 2019-20 से लेकर अक्टूबर 2025 तक इस केंद्र ने 1 करोड़ 49 लाख से अधिक सब्जी के पौधे तैयार किए हैं। बेल वाली सब्जी के पौधों की लागत मात्र 1.20 रुपए प्रति पौधा है, जबकि बिना बेल वाली सब्जियों के पौधों की लागत 1.40 रुपए प्रति पौधा है, जो किसानों के लिए काफी किफायती है।

यह केंद्र सिर्फ पौध उत्पादन तक सीमित नहीं है। यहां किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण भी दिया जाता है। अब तक लगभग 900 किसानों को नेट हाउस, पॉली हाउस, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन और सूक्ष्म सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह प्रशिक्षण किसानों को न केवल अपनी उपज बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि उन्हें एक नया व्यवसाय शुरू करने की प्रेरणा भी देता है।
केंद्र के 4.5 एकड़ क्षेत्र में किन्नू, माल्टा, खजूर, अनार और बेर जैसे फल उगाए जाते हैं। यहां पॉली हाउस और नेट हाउस में जैविक तरीकों से सब्जियां भी उगाई जाती हैं, जिन्हें सीधे विक्रय केंद्र पर बेचा जाता है। यह किसानों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है।
ये हैं किसानों के लिए सुविधाएं
सब्सिडी पर पौधे :
किसानों को यहां 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उच्च गुणवत्ता वाले पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं।
मशीनरी किराए पर :
खेती के लिए आवश्यक मशीनें जैसे रोटावेटर, पावर टिलर, मल्चिंग मशीन और स्प्रे टैंक आदि किराए पर उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे छोटे किसानों को भी आधुनिक खेती करने में आसानी होती है।
निरंतर मार्गदर्शन :
प्रत्येक सीजन में किसानों को गुणवत्तापूर्ण फसलें उगाने और वर्षभर उत्पादन बनाए रखने की तकनीक सिखाई जाती है।
सरकार का विज़न सराहनीय : कैप्टन मनोज कुमार
उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि इस जिला की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां बागवानी के क्षेत्र में काफी संभावनाएं है। इसको लेकर हरियाणा सरकार का विजन सराहनीय है। महेंद्रगढ़ जिला में स्थापित यह केंद्र किसानों को नवीनतम तकनीक अपनाने और खेत में अधिक उपज लेने के लिए प्रेरित कर रहा है। यहां से आसपास के जिलों के किसान भी प्रेरित हो रहे हैं।
स्मार्ट एग्रीकल्चर की ओर बढ़ रहे किसान : डिप्टी डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर डॉ. पिंकी यादव
डिप्टी डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर डॉ. पिंकी यादव ने कहा कि सुंदरह का यह केंद्र आज केवल एक प्रशिक्षण स्थल नहीं बल्कि किसानों के सपनों को हकीकत में बदलने का एक केंद्र बन चुका है। यह हरियाणा सरकार की दूरदर्शिता और किसानों की मेहनत का एक शानदार उदाहरण है जो किसानों को खुशहाल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यहां से सीख कर किसान स्मार्ट एग्रीकल्चर की ओर बढ़ रहा है।
#newsharyana
